राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम गठित होने के बाद भी स्वास्थ्य जांच नहीं
रक्सौल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत सरकारी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों की स्वास्थ्य जांच पिछले 8 महीनों से प्रभावित है। डॉक्टरों की नई टीम गठित की गई है, लेकिन वाहन की कमी...
रक्सौल, एक संवाददाता। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत रक्सौल में सरकारी स्कूलों और आंगन बाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं की स्वास्थ्य जांच करीब 8 माह से प्रभावित है। राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश पर बीते दिनों आरबीएसके से नियमित पदस्थापित हुए डॉक्टरों की प्रतिनियुक्ति पुन: आरबीएसके कार्यक्रम के लिए हो चुकी है। बावजूद, टीम सक्रिय नहीं हो सकी है। विभागीय गाइड लाइन नहीं मिलने और वाहन की कमी से क्षेत्र भ्रमण में जाने की स्थिति नहीं होने से स्वास्थ्य जांच कार्य प्रभावित हो रहा है। इस बीच राज्य स्वास्थ्य समिति के निर्देश से सिविल सर्जन ने रक्सौल में विभिन्न एडिशनल पीएचसी पर पदस्थापित डॉ विकास कुमार, डॉ आशीष कुमार और कार्यक्रम के फार्मासिस्ट अली इरफान को प्रतिनियुक्त कर टीम गठित किया है। सूत्रों का कहना है नियम से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लिए अलग से डॉक्टरों की बहाली होनी चाहिए थी, किंतु,ऐसा नहीं हो सका। जिस कारण नियमित आयुष चिकित्सकों को प्रतुनियुक्त किया गया है।
अब जब टीम गठित हो गई है,तो,वाहन की कमी से स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ पा रहा है। इस योजना के तहत स्कूलों और आंगन बाड़ी केंद्रों में 43 प्रकार के रोगों से सुरक्षा के लिए प्रति दिन 80 से 100 बच्चों का स्वास्थ्य जांच की जानी है। इस बारे में पूछे जाने पर रक्सौल स्थित अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डा राजीव रंजन कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम गठित कर दी गई है। वाहन के लिए विभाग से आवंटन नहीं मिल सका है। आवंटन प्राप्त होते ही रक्सौल प्रखंड के सरकारी स्कूलों और आंगन बाड़ी केंद्रों पर छात्र छात्राओं की स्वास्थ्य जांच शुरू कर दी जाएगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।