जीव को शिव बना देता है गुरु की कृपा: पाण्डेय महाराज
संग्रामपुर में समर्थ गुरु पाण्डेय महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि गुरु के साथ एकाग्रता से जीवन आनंदमय हो जाता है। उन्होंने सत्संग को पापों का धुलने वाला बताया और मनुष्य के शरीर की...
संग्रामपुर, निसं। हमारा ख्यालात जब गुरु से जुड़ जाता है तो सभी समस्याओं का समाधान गुरु स्वयं करते हैं। उक्त बातें समर्थ गुरु पाण्डेय महाराज ने रामाश्रम आध्यात्मिक आंतरिक गुरु दर्शन सह भण्डारा के दूसरे दिन रविवार को नरुल्लाहा के तत्वाधान में उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आप सिर्फ गुरु के साथ एकाग्रचित होकर बैठ जाओगे तो जीवन आनन्द मय हो जाएगा। शरीर के मात्र दर्शन से ही बात आगे बढ़ती है। एक दूसरे के विचारों का मेल ही मित्रता का घोतक है। इसी के तहत मनुष्य अपने मुकाम तक ले जाता है। मनुष्य का शरीर अनमोल है। इंसान अज्ञानता वश नहीं समझ पता। जब अंतिम समय आता है तो समझने का प्रयास करता है, तब तक सहस्त्र बिच्छू काटने जैसी पीड़ा होने लगती है। सत्संग तो वह गंगा हैं जहां हर पाप गुरु की कृपा से धूल जाता है। मनुष्य का तन और सत्संग दुर्लभ है। इस शरीर में सब कुछ विराजमान है। इसमें सिर्फ देखने की जरूरत है। जिसने अपने अंदर देख लिया समझ लो उस पर पूरी तरह गुरु की कृपा आसीन है और वह सफलता के सीढ़ी पर है। समर्थ गुरु ने कहा कि तन को स्थिर करो। जिस दिन तन और मन स्थिर हो गया। समझ लो गुरु की कृपा बरसने लगी। तुम जिस खोज में निकले थे उसे पा लिया। माता पिता की सेवा में रम जाओ। कुछ भी खाने से पहले गुरु को समर्पित करो, जिसने दिया है वह बहुत देगा। गुरु किसी को कुछ बोल नहीं देता। वह अपने अंतर आत्मा से सभी पर ख्याल रखता है। कार्यक्रम को सफल बनाने में आचार्य श्रीनारायण सिंह उर्फ डाक बाबू, स्वामी महेंद्र नारायण, दिलीप सिंह, जितेंद्र कुमार सिंह, जय नारायण प्रसाद, उपेंद्र, रवि रंजन , दिनेश समेत कई लोग शामिल हैं।
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