Hindi Newsबिहार न्यूज़मोतिहारीFarmers will get national platform for litchi trade

किसानों को लीची व्यापार के लिए मिलेगा नेशनल प्लेटफॉर्म

लीची उत्पादक किसानों को लीची की मार्केटिंग के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। किसानों को लीची व्यापार के लिए नेशनल प्लेटफॉर्म मिलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर हर्टिकल्चर ग्रुप का गठन किया गया है। इस...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSat, 9 May 2020 12:10 AM
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लीची उत्पादक किसानों को लीची की मार्केटिंग के लिए परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी। किसानों को लीची व्यापार के लिए नेशनल प्लेटफॉर्म मिलेगा। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर हर्टिकल्चर ग्रुप का गठन किया गया है। इस ग्रुप में लीची उत्पादक किसान व लीची व्यवसायियों को शामिल किया गया है। लॉकडाउन अवधि में लीची फलों की मार्केटिंग की समस्या नहीं हो,इसको लेकर यह ग्रुप कार्य रहेगा। इसके माध्यम से लीची को बाजार मिलेगा,जिससे किसानों को अच्छी आमदनी होगी।

पूर्वी चम्पारण में हैं15 हजार एकड़ में लीची के बाग: जिले में करीब 15 हजार एकड़ में लीची के बाग हैं। इसमें मेहसी, मधुबन,पकड़ीदयाल,मोतिहारी,केसरिया, कल्याणपुर सहित अन्य प्रखंड शामिल हैं। लीची बाग में प्रति एकड़ 35 से 40 क्विंटल तक लीची फल का उत्पादन होता है। जिले में लीची बाग के रकबा के अनुसार 55-60 हजार टन तक लीची फल के उत्पादन की संभावना है। इस हर्टिकल्चर गु्रप में पूर्वी चम्पारण जिला भी शामिल है।

भारत सरकार को भेजा था प्रस्ताव

हर्टिकल्चर ग्रुप का गठन कर लीची ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने भारत सरकार के विशेष सचिव को लॉकडाउन अवधि में परिवहन की व्यवस्था के लिए एक प्रस्ताव भेजा था। इसके आलोक में मुजफ्फरपुर सहित अन्य जिलों में इस दिशा में कार्य भी शुरू कर दिया गया है। लेकिन पूर्वी चम्पारण जिले में यह कार्य अभी शुरू नहीं हुआ है।

कहते हैं एसोसिएशन के अध्यक्ष

लीची ग्रोवर्स एसोसिएशन ऑफ बिहार के जिला अध्यक्ष सह प्रदेश उपाध्यक्ष ललन प्रसाद शुक्ला ने बताया कि इस हर्टिकल्चर ग्रुप में पूर्वी चम्पारण जिला भी शामिल है। उन्होंने जिला प्रशासन से जिले के किसानों को भी इस ग्रुप से लाभान्वित कराने की मांग की है।

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