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आरपीएफ में नौकरी दिलाने वाले गिरोह का खुलासा, हथियार मिला

मोतिहारी में रेलवे सुरक्षा बल सहित अन्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी प्रशिक्षण केंद्र का संचालन हो रहा था। भटहां गांव में छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया और कई...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSat, 7 Dec 2024 12:31 AM
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मोतिहारी। रेलवे सुरक्षा बल सहित अन्य विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी तरीके से प्रशिक्षण केंद्र का संचालन हो रहा था। तथाकथित फर्जी प्रशिक्षण केंद्र मुफस्सिल थाना क्षेत्र के भटहां गांव में एक घर में चल रहा था। इसकी जानकारी रेल थाना सोनपुर के एक कांड में पकड़े गए आरोपित डुमरियाघाट थाना क्षेत्र के सेमुआपुर गांव निवासी दीपक कुमार तिवारी के पूछताछ के दौरान हुई। इसके आधार पर रेल थाना सोनपुर के साथ मुफस्सिल थाना की पुलिस ने संयुक्त रुप से भटहां स्थित गांव में छापेमारी की। छापेमारी के दौरान पुलिस ने एक ऑटोमेटिक पिस्टल, दो मैगजीन व 14 कारतूस, आरपीएफ के एसआई की वर्दी, जिसमे बैच व स्टार लगा हुआ था, कुछ प्रमाण पत्र, एक लैपटॉप तथा एक कैमरा बरामद किया है। इस दौरान भटहां गांव निवासी सन्नी कुमार को गिरफ्तार किया गया है। मामले में मुफस्सिल थाने में एफआईआर दर्ज की जा रही है। वहीं गिरफ्तार अभियुक्त सन्नी कुमार की निशानदेही पर गिरोह में शामिल अन्य बदमाशों की तलाश में छापेमारी की जा रही है।

दीपक ने भटहां में प्रशिक्षण केंद्र चलाने का किया था खुलासा : बताया जाता है कि रेल थाना सोनपुर के एक कांड के प्रथमिकी अभियुक्त दीपक कुमार तिवारी ने स्वीकारोक्ति बयान में कहा था कि कोटवा थाना के अमवा गांव निवासी सक्षम श्रीवास्तव व घोड़ासहन थाना क्षेत्र के दीघा गांव निवासी पप्पू कुमार, जो वर्तमान में छतौनी थाना क्षेत्र में रहता है, उसके साथ मिलकर फर्जी तरीके से रेलवे पुलिस व अन्य विभाग में पैसा लेकर नौकरी दिलाने काम करता है। उक्त मकान भी पप्पू कुमार का है, जहां फर्जी प्रशिक्षण चलता है। इसके आधार पर भटहां स्थित तथाकथित प्रशिक्षण केंद्र में छापेमारी की गई। जहां से सन्नी कुमार को गिरफ्तार किया गया। वहीं तलाशी के क्रम में हथियार, मैगजीन व कारतूस बरामद किया गया।

ट्रेनिंग में रहते थे फर्जी दारोगा, डीएसपी व अन्य

मुफस्सिल थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एसपी स्वर्ण प्रभात के निर्देश पर छापेमारी की गई। फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है। प्रशिक्षण कराने के दौरान गिरोह के बदमाश फर्जी डीएसपी व दारोगा की वर्दी में रहते थे। गिरोह के बदमाश फर्जी ज्वाइनिंग लेटर भी देते थे।

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