Hindi NewsBihar NewsMotihari NewsChallenges Faced by Cloth Merchants in Motihari Need for Better Support and Infrastructure

वाहन पार्किंग और जाम से मुक्ति मिले तो चमकेगा कपड़ा व्यवसाय

मोतिहारी में कपड़ा व्यवसायियों की समस्याएं बढ़ रही हैं। लगभग 25,000 कपड़ा व्यवसायी हैं, लेकिन प्रशासन उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा। व्यवसायियों ने नगर निगम से कम किराए पर दुकानें और बेहतर...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीSun, 23 Feb 2025 06:12 PM
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वाहन पार्किंग और जाम से मुक्ति मिले तो चमकेगा कपड़ा व्यवसाय

मोतिहारी। मोतिहारी चैम्बर ऑफ कॉमर्स से जुड़े जिले के कपड़ा व्यवसायियों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं। जिले भर में तकरीबन 25,000 कपड़ा व्यवसायी थोक व खुदरा व्यवसाय से जुड़े हैं। वहीं शहर के विभिन्न हिस्सों में तकरीबन 5000 थोक व खुदरा कपड़ा व्यवसायी अपनी प्रतिष्ठान चलाते हैं। स्थानीय स्तर पर इनके व्यवसाय से संबंधित समस्याओं का समाधान मोतिहारी चैम्बर ऑफ कॉमर्स तो करा देता है लेकिन अन्य समस्या काई नहीं देखता। व्यवसायी देवप्रिय मुखर्जी ने कहा कि देश की इकोनॉमी में छोटे व्यवसायियों का अहम रोल है। रोजगार देने में भी ये अग्रणी भूमिका निभाते हैं। फिर भी व्यवसायियों को हमेशा शक की निगाह से देखा जाता है। प्रशासन को अपनी मानसिकता बदलते हुए उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करना चाहिए।

निगम उपलब्ध कराए दुकान व जगह : थोक कपड़ा व्यवसायी संदीप लोहिया व खुदरा व्यवसायी बिरेंद्र कुमार जालान ने कहा कि शहर के मेन रोड में अधिकतर कपड़ा व्यवसायी हैं। यहां दुकान की पगड़ी व किराया बहुत अधिक है। इस कारण नया व्यवसाय शुरू करनेवालों की बड़ी पूंजी दुकान में फंस जाती है। नगर निगम प्रशासन स्थानीय कपड़ा व्यवसायियों को कम दर पर जगह उपलब्ध कराए। इससे व्यापार में सुविधा होगी। गुजरात के सूरत व अहमदाबाद की तरह मोतिहारी में भी प्रशासन जगह की व्यवस्था करे, तभी तो छोटे व्यवसायी हिम्मत दिखाएंगे। स्थानीय व्यवसायी उधार समय से नहीं लौटाते, जिससे थोक व्यवसायी परेशान रहते हैं।

ट्रेड व मीटर लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया आसान हो : व्यवसायी देवप्रिय मुखर्जी, रामभजन, बिरेंद्र जालान ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस व मीटर लाइसेंस के नवीनीकरण की प्रक्रिया को आसान बनाने की जरूरत है। साथ ही कम कागज की डिमांड करते हुए सुविधा के साथ लाइसेंस निर्गत किया जाए। बाजार में माप-तौल व नगर निगम की ओर से कैंप लगाना चाहिए। रिन्युअल व कागजात के वेरिफिकेशन के नाम पर बार-बार दुकानदार को दौड़ाया जाता है। कई बार तो नजराना भी वसूला जाता है।

सड़क जाम से व्यापार प्रभावित, ऑनलाइन खरीदारी बढ़ी : बिरेंद्र कुमार जालान, अजय कुमार, हर्षित अग्रवाल, रामभजन ने बताया कि सड़क जाम व खराब ट्रैफिक व्यवस्था से हमारा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है। प्रशासन की ओर से वाहन पार्किंग की अब तक समुचित व्यवस्था नहीं की गयी है, जबकि चालाना काटा जाने लगा है। ग्राहक दुकान में मोलभाव कर रहे होते हैं, तबतक बाहर उनकी गाड़ी का चालान कट जाता है। चालान के डर से अच्छे ग्राहक बाजार आना पसंद नहीं करते। प्रशासन को पार्किंग की समुचित व्यवस्था के बाद ही चालान काटना चाहिए। बाजार क्षेत्र में शौचालय व यूरिनल का अभाव है। इससे ग्राहकों को परेशानी होती है। इन सभी कारणों की वजह से ग्राहक घर से ही ई-कॉमर्स के जरिए ऑनलाइन खरीदारी पसंद करते हैं। पर्व-त्योहार और सीजन के समय मेन रोड जाम हो जाने के कारण हिंदी बाजार में बहुत मुश्किल से ग्राहक पहुंच पाते हैं। इसका सीधा असर व्यापार पर पड़ता है। ्र

सुझाव

1.कपड़ा व्यवसायी समय से ट्रैक्स चुकाते हैं। एक करोड़ रुपए तक का व्यवसाय करनेवाले व्यापारी को टैक्स से मुक्त कर दिया जाए।

2.ट्रेड व मीटर के लाइसेंस रिन्यूअल की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया जाए। इससे व्यवसायियों को बहुत सुविधा होगी।

3.शहर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था की जाए। साथ ही जाम की समस्या से निबटने का प्रयास किया जाए। इससे ग्राहक दुकान तक पहुंच सकें।

4.मेन रोड में शौचालय व यूरिनल की व्यवस्था की जाए। इससे कपड़ा व्यवसायियों, कारीगर, कर्मचारियों के साथ ग्राहकों को सुविधा होगी।

5.प्रशासन व्यवसायियों के साथ सहानुभूतिपूर्वक व्यवहार करें। एक करोड़ तक का व्यवसाय करनेवाले को टैक्स से मुक्त कर देना चाहिए।

शिकायत

1.सड़क पर कूड़ा फेंकने पर व्यवसायियों से 5000 जुर्माना वसूला जाता है। जबकि निगम के सफाईकर्मी दुकान के डस्टबीन से कूड़ा नहीं लेते।

2.ट्रेड लाइसेंस व मीटर के लाइसेंस रिन्यूअल में बहुत परेशानी होती है। व्यवसायियों को इसके लिए कार्यालय का चक्कर काटना पड़ता है।

3.शहर में वाहन पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। ग्राहक बाजार में वाहन रोकते हैं तो चालान कट जाता है। प्रशासन को पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए।

4.टैक्स देने के बावजूद कपड़ा व्यवसायियों को कोई रियायत नहीं मिलती है। उन्हें किसी प्रकार का पेंशन लाभ भी नहीं मिलता है।

5.प्रधानमंत्री का डिजिटल व्यापार पर जोर है। ऑनलाइन पेमेंट लेने पर व्यवसायियों का बैंक अकाउंट में होल्ड लग जा रहा है।

बच गए स्टॉक को सेल में बेचने की मजबूरी :

व्यवसायी हर्षित अग्रवाल व संदीप कुमार साहू ने कहा कि नया ट्रेंड व मौसम के साथ फैशन बदलता रहता है। इससे बड़ा स्टॉक फंस जाता है। प्रत्येक त्योहार में अलग-अलग फैशन के अनुसार माल मंगाना पड़ता है। बाद में बचे माल को सेल लगाकर बेचना पड़ता है। रिटेल में बचे कटपीस का कोई मोल नहीं रह जाता है। बताया कि सरकार का डिजिटल व्यापार पर जोर है। लेकिन, ऑनलाइन भुगतान लेना समस्या बन गयी है। होल्ड लगाकर हमारे खाता से भुगतान रोक दिया जाता है। हमारे प्रूफ पर स्थानीय बैंक व प्रशासन ध्यान नहीं देता है। हमलोगों का अधिकतर व्यापार ऑनलाइन है।

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