सेंट्रल टीम सदर अस्पताल में एक साल में मरीज के हुए इलाज का खोज रही डाटा
मोतिहारी के सदर अस्पताल में केंद्रीय टीम द्वारा मरीजों के इलाज की सूची की जांच की जा रही है। रिपोर्टिंग में गड़बड़ी के चलते अस्पताल में हड़कंप मचा हुआ है। टीम ने ऑनलाइन रिपोर्टिंग और अस्पताल की अन्य...
मोतिहारी। नगर संवाददाता सदर अस्पताल सहित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र से केंद्र सरकार को भेजी गयी इलाज किए गए मरीजों की सूची की जांच केंद्रीय टीम के द्वारा की जा रही है। इसको लेकर सदर अस्पताल में हड़कंप है। टीम स्वयं कम्प्यूटर से डाटा का मिलान केंद्र साकार को भेजे गई रिपोर्ट से कर रही है। बताते हैं कि जांच के प्रथम चरण में ही भेजी गई सूची व इलाज हुए मरीज की सूची में गड़बड़ी पाई जा रही है।
सदर अस्पताल सहित प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर इलाज, ऑपरेशन, प्रसव, नवजात सहित सर्जरी का आंकड़ा हर रोज राज्य सरकार के भव्या पोर्टल से लेकर केंद्र सरकार के पोर्टल पर भेजा जाता है। इसके लिए सरकार ने ऑनलाइन करने की जिम्मेवारी एनजीओ सहित डॉक्टर को दी है। मगर हालत यह है कि रिपोर्टिंग ऑनलाइन सही तरीके से व समय पर नहीं होने के चलते जिला की रैंकिंग हमेशा नीचे ही रहती है। जिसको लेकर हाल ही में सिविल सर्जन ने इसका कारण व निराकरण को लेकर बैठक भी की है। एनजीओ सहित डॉक्टर को डेली रिपोर्टिंग करने का निर्देश भी दिया गया।
जानकार बताते हैं कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार को ऑनलाइन किए गए रिपोर्टिंग में भी काफी अंतर है।जिसको लेकर केंद्र सरकार की टीम सदर अस्पताल के ऑनलाइन रिपोर्टिंग के रजिस्टर से लेकर ऑनलाइन किए गए रिपोर्टिंग की जानकारी ले रही है। मिली जानकारी के अनुसार जांच के प्रथम चरण में ही रजिस्टर व ऑनलाइन रिपोर्टिंग में बहुत अंतर पाया गया है। जिसको लेकर संबंधित एनजीओ के जिला प्रभारी से पूछताछ चल रही है।
अस्पताल सूत्र के अनुसार सदर अस्पताल में भर्ती मरीज, मरीजों का हुए ऑपरेशन, कितना प्रसव हुआ, कितने रेफर किए गए, दवा की व्यवस्था से लेकर वितरण तक पूरे एक साल का आंकड़ा खंगाला जा रहा है। आउटडोर में कितने मरीज आए, कितने प्रकार की दवा दी गई आदि की भी मिलान केंद्र को भेज भेजे गए रिपोर्ट से की जा रही है।
केंद्र से आई दो सदस्यीय टीम ने सदर अस्पताल की ऑनलाइन रिपोर्टिंग के अलावा अन्य व्यवस्था भोजन व साफ सफाई की भी तहकीकात की है। नवजात के टीकाकरण से लेकर प्रसूता को दिए गए आयरन की गोली और उसकी हुई जांच का भी रिकॉर्ड देखा है।
बताते हैं कि इस दौरान टीम ने केंद्र सरकार के द्वारा मरीजों की सुविधा को उपलब्धता को भी देखा है। मसलन परिवार नियोजन, प्रोत्साहन राशि वितरण ,दवा वितरण, बाल जननी सुरक्षा योजना आदि की भी ऑनलाइन रिपोर्टिंग की जांच की है।
इस संबंध में जांच टीम कुछ भी बताने से परहेज कर रही है। मगर जांच टीम से साथ निरीक्षण में चल रहे डॉक्टर ने बताया कि बहुत कुछ गड़बड़ी मिली है।ऑनलाइन रिपोर्टिंग से लेकर सदर अस्पताल की साफ सफाई और मरीज को सरकार के द्वारा देय दवा से लेकर जांच में कमी पाई है।
कहते हैं अधिकारी
सदर अस्पताल प्रबंधक कौशल दुबे ने बताया कि जांच टीम में रूपेश घोष व कोष्ठक घोष है। इनके जांच में प्रबंधन के द्वारा पूरा सहयोग किया गया है। टीम के द्वारा जांच रिपोर्ट केंद्र को भेजा जाएगा। जांच टीम लगभग संतुष्ट थे।
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