Hindi NewsBihar NewsMotihari NewsCelebrating the Legacy of Professor Veerendra Nath Pandey A Cultural Tribute in Motihari

प्रो.( डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय स्मृति समारोह 2025 संपन्न

मोतिहारी में प्रो. वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय की पांचवीं पुण्यतिथि पर स्मृति समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में कला एवं संस्कृति पर सेमिनार, कवि सम्मेलन और भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विभिन्न...

Newswrap हिन्दुस्तान, मोतिहारीTue, 14 Jan 2025 11:52 PM
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मोतिहारी, निप्र। चंपारण की कला संस्कृति को वैश्विक स्तर पर नया आयाम देने वाले शिक्षाविद्, ख्यातिलब्ध पत्रकार व सांस्कृतिक महोत्सवों के पुरोधा, मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के पूर्व कुलपति प्रो.(डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय की पांचवीं पुण्यतिथि के अवसर पर सोमवार को शहर के एमकेडी पब्लिक स्कूल परिसर में प्रो. (डॉ.) वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय स्मृति समारोह 2025 का आयोजन संपन्न हुआ। प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र नाथ पाण्डेय मेमोरियल ट्रस्ट, मोतिहारी के तत्वावधान में आयोजित स्मृति समारोह के अवसर पर प्रथम सत्र में ‘प्रो. वीरेंद्र नाथ पाण्डेय की दृष्टि में कला एवं संस्कृति विषयक सेमिनार आयोजित हुआ। जबकि दूसरे सत्र में कवि सम्मेलन सह मुशायरा व भजन-कीर्तन का आयोजन हुआ। समारोह का विधिवत उद्घाटन डॉ.चन्द्रलता झा, राजकुमारी पाण्डेय, डॉ.सुशील कुमार सिन्हा, डॉ. अतुल कुमार, डॉ. शंकर वत्स, देवप्रिय मुखर्जी, संजय पाण्डेय व डॉ. नम्रता तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। समारोह का आगाज वैदिक आचार्य पंडित राजकुमार मिश्र के स्वस्ति वाचन से हुआ। तत्पश्चात आगत अतिथियों ने प्रो० वीरेन्द्र नाथ पाण्डेय के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनके प्रति अपने श्रद्धा-सुमन अर्पित किए। अपने अध्यक्षीय संबोधन में चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति की वर्किंग प्रेसिडेंट डॉ. चन्द्रलता झा ने कहा कि बहुमुखी प्रतिभावान शख्सियत डॉ. वीरेंद्र पाण्डेय ने अपनी मेहनत व दूरदर्शिता की बदौलत पत्रकारिता व शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर पहचान कायम की एवं चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति में स्वंय को नेपथ्य में रखकर एक सशक्त टीम का निर्माण कर यहां की कला- संस्कृति को देश- दुनिया में एक नयी पहचान दिलाई। उन्होंने कहा कि डॉ.पाण्डेय ने चंपारण की कला- संस्कृति को जिन ऊँचाइयों तक पहुँचाया, हमें चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति के माध्यम से चंपारण की सांस्कृतिक गतिविधियों को निष्ठापूर्वक आगे बढ़ाना है। डॉ. सुशील कुमार सिन्हा ने डॉ.पाण्डेय के व्यक्तित्व के अनछुए पहलुओ को रेखांकित करते हुए कहा कि उनके बेमिसाल व्यक्तित्व से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति के सचिव डॉ.अतुल कुमार ने कहा कि उनके भीतर कला के क्षेत्र में दिलचस्पी लाने का श्रेय डॉ.पाण्डेय को जाता है। देवप्रिय मुखर्जी ने कहा कि डॉ.पाण्डेय को प्रतिभा की अद्भुत समझ थी, जिसका उपयोग वे बड़ी सूक्ष्मता से रचनात्मक कार्यो में किया करते थे और इन्ही खूबियों की बदौलत उन्होंने कला - संस्कृति के क्षेत्र में नित्य नए आयाम गढ़े। प्रो. (डॉ.) वीरेंद्र नाथ पाण्डेय मेमोरियल ट्रस्ट के सचिव व वरीय संस्कृतिकर्मी संजय पाण्डेय ने कहा कि अदम्य साहस, धैर्य व निष्काम कर्म की प्रवृत्तियों की बदौलत डॉ.पाण्डेय ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में असीमित ऊँचाई हासिल की। डॉ. नम्रता तिवारी ने भी विचार व्यक्त किये। उद्घाटन सत्र का संचालन करते हुए एम एस कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रो. (डॉ.) अरुण कुमार ने डॉ.पाण्डेय के शैक्षणिक, पत्रकारिक तथा कलात्मक व्यक्तित्व को साहित्यिक व दार्शनिक अंदाज में प्रस्तुत किया। युवा साहित्यकार डॉ. विनय कुमार सिंह के संयोजन में कवि सम्मेलन सह मुशायरे का आयोजन हुआ। चंपारण सांस्कृतिक महोत्सव समिति की वरीय उपाध्यक्ष डॉ. स्वस्ति सिन्हा ने आगत कवि- शायरों का अंगवस्त्रम् व पुष्पगुच्छ से स्वागत किया। मुशायरे का ओजपूर्ण संचालन लब्ध प्रतिष्ठ शायर डॉ. सबा अख्तर शोख ने किया। कवि सम्मेलन सह मुशायरे में कलीमुल्लाह कलीम, संजय पाण्डेय, डॉ. विनय कुमार सिंह, बिंटी शर्मा, ऋतिक विराज पाण्डेय आदि ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। अंत में कथक नर्तक-गुरु निराला के भजन गायन के पश्चात समारोह का समापन हुआ। तबले पर कला- गुरु अनुराग मिश्रा ने शानदार संगत की। मौके पर वरिष्ठ पत्रकार- चिंतक अशोक कुमार वर्मा, शैलेंद्र कुमार सिन्हा, कौशल किशोर पाठक, एमकेडी पब्लिक स्कूल के प्राचार्य विजय झा, किरण पाण्डेय, प्रतीक राजवीर, कुमार सिद्धार्थ आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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