प्रोत्साहन राशि को लेकर आशा ने डीएम से की शिकायत
सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आशा कार्यकर्ता की भागीदारी ली जाती है। मगर जब प्रोत्साहन राशि देने की बात आती है तो भुगतान को लेकर उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती...
सरकार के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में आशा कार्यकर्ता की भागीदारी ली जाती है। मगर जब प्रोत्साहन राशि देने की बात आती है तो भुगतान को लेकर उन्हें काफी परेशानी झेलनी पड़ती है। अंतत: आशा कार्यकर्ता को डीएम से शिकायत करनी पड़ी। इस शिकायत पर डीएम ने काफी नाराजगी जताई। प्राथमिक चिकित्सा प्रभारी सहित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रबंधक व लेखापाल को पांच दिन के अंदर भुगतान नहीं किये जाने पर कड़ी कार्रवाई करने की नसीहत दी।
प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा गर्भवती के गर्भ से लेकर प्रसव तक देखभाल, टीका दिलवाने , अस्पताल में रजिस्ट्रेशन से लेकर प्रसव कराने की जवाबदेही आशा को दी गयी है। वहीं प्रसूता व आशा को प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इसके अलावे अन्य सरकारी योजना में आशा की भागीदारी ली जाती है। मसलन बंध्याकरण, टीबी मरीज की खोज व इलाज, दस्त नियंत्रण, कृमि की दवा खिलाने से लेकर कोरोना जांच व जागरूकता में भी भागीदारी ली जा रही है।
इन सभी के लिए आशा को निर्धारित राशि अस्पताल से मिलती है। यह राशि ऑनलाइन निबंधन होने पर आशा व प्रसूता के खाते में भेजी जाती है। मगर स्थिति यह है कि सदर अस्पताल के करीब 10 हजार तो तुरकौलिया, केसरिया, घोड़ासहन, आदापुर में तो दो दो हजार से अधिक बैक लॉग चल रहा है। इसके अलावे अन्य सभी प्राथमिक चिकित्सा केंद्रों पर भी यही स्थिति है। सूत्र की मानें तो जिले में 30 हजार से अधिक बैक लॉग चल रहा है। इसका कारण इन सबों को ऑन लाइन नहीं किया जाना बताया जाता है।
बताते हैं कि ऐसा ही आलम प्राथमिक चिकित्सा केंद्र पर पहरा दे रहे निजी गार्ड का है। नौ महीने से चिकित्सा प्रभारी ने इन सबों का भुगतान के लिए सीएस कार्यालय कागज नहीं भेजा है। जिसके चलते भुखमरी की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है।
बताया जाता है कि पोलियो अभियान में कार्यरत टीम का भी पिछले दो अभियान का भुगतान नहीं मिला है।
इस बात की शिकायत हाल ही में तुरकौलिया में आशा सहित अन्य ने डीएम को दस्त नियंत्रण पखवाड़े के उदघाटन के मौके पर की। मौके पर मौजूद सीएस को आशा कार्यकर्ता प्रसूता सहित अन्य के बकाये राशि का भुगतान पांच दिन में करवाने का निर्देश जारी किया। इस निर्देश के आलोक में सिविल सर्जन ने जिला स्वास्थ्य समिति सहित प्राथमिक चिकित्सा प्रभारी , लेखापाल व स्वास्थ्य प्रबंधक को सख्त निर्देश जारी किया है कि पांच दिन में भुगतान नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी।
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