Hindi Newsबिहार न्यूज़Manager worker from third floor terrace for demanding Rs 800 dues uproar after his death

800 रुपये बकाया मांगने पर मैनेजर ने मजदूर को तीसरी मंजिल से नीचे फेंका, मौत पर बवाल

मधुबनी जिले के झंझारपुर में माइक्रोफाइनेंस कंपनी के मैनेजर ने 800 रुपये बकाया मजदूरी मांगने पर एक मजदूर को तीसरी मंजिल की छत से नीचे फेंक दिया। मजदूर की मौत होने पर लोगों ने भारी हंगामा कर दिया।

Jayesh Jetawat हिन्दुस्तान, मधुबनीSat, 10 Aug 2024 12:48 PM
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बिहार के मधुबनी जिले में 800 रुपये बकाया मजदूरी मांगने पर एक मजदूर की हत्या कर दी गई। मामला झंझारपुर के बेलारही इलाके का है। आरोप है कि माइक्रोफाइनेंस कंपनी के मैनेजर ने मजदूर झोटाई मंडल (51) को तीन मंजिला भवन की छत से नीचे फेंक दिया। इससे मजदूर की मौके पर ही मौत हो गई। घटना शुक्रवार दोपहर की है। झोटाई ने मैनेजर से मेहनत और हक के 800 रुपये बकाया की मांग की थी। इससे गुस्सा मैनेजर ने उन्हें छत से फेंककर मार दिया। हत्या के बाद झंझारपुर अस्पताल में भारी भीड़ जमा हो गई और लोगों ने मौत के बदले मौत की मांग करते हुए बवाल काट दिया।

एसएचओ रंजीत कुमार ने बताया कि आरोपी मैनेजर संतोष कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीन अन्य लोगों को भी हिरासत में लिया गया है। मृतक की पत्नी रीता देवी के बयान के आधार पर मैनेजर समेत माइक्रोफाइनेंस कंपनी में 9 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

परिजन के अनुसार रीता देवी कंपनी के कार्यालय सह आवासीय मकान में भोजन बनाने का काम करती है। 6 दिन पहले मैनेजर ने महिला को काम से हटा दिया था। बीमार पति और बेटे का साथ शुक्रवार को अपने 800 रुपये बकाया मांगने पहुंची थी। इसी बात पर आक्रोशित मैनेजर उसके पति झोटाई को घसीटकर छत पर ले गया और वहां से उसे नीचे फेंक दिया।

गिरफ्तार मैनेजर पूर्वी चंपारण जिले के भगवानपुर स्थित चैनपुर गांव का रहने वाला है। दूसरी ओर, झंझारपुर अनुमंडलीय अस्पताल में मजदूर की मौत की पुष्टि होते ही वहां भारी भाड़ जमा हो गई। आक्रोशित लोग हत्या के बदले हत्या करने पर उतारू हो गए। उग्र भीड़ को पुलिस ने जनप्रतिनिधियों की मदद से किसी तरह शांत कराने का प्रयास किया।

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मृतक झोटाई की पत्नी रीता देवी अस्पताल में दहाड़ मारकर रोने लगी। वह आधा दर्जन घरों में बर्तन मांजकर अपने पति के साथ मजदूरी में सहयोग करती थी। अब परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी उसके कंधों पर आ गई है। रीता के एक बेटे और बेटी की शादी हो चुकी है। तीसरी बेटी काजल कुमारी भी मां के साथ घरों में काम करने के साथ पढ़ाई-लिखाई करती है।

बताया जा रहा है कि रीता के पति बीमार रहते थे। पैसे की दिक्कत होने के चलते वह माइक्रोफाइनेंस कंपनी के मैनेजर के यहां खाना बनाने का काम करने लगी। कंपनी वाले महिलाओं को लोन देने का काम करते हैं और समय पर लोन की किस्त वापस न करने पर उनके साथ बदसलूकी करते हैं। रीता ने भी कंपनी से लोन लिया था, जिस कारण मैनेजर हमेशा उसे डांटता रहता था।

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