अभी घाटे का सौदा साबित हो रहा सब्जी की खेती
लॉकडाउन के दौरान सुबह चार घंटे के अंदर सब्जियों को बेचने की मजबूरी उत्पादकों के लिए घाटे का सौदा हो रहा...
मधवापुर, हिटी
लॉकडाउन के दौरान सुबह चार घंटे के अंदर सब्जियों को बेचने की मजबूरी उत्पादकों के लिए घाटे का सौदा हो रहा है। वहीं उपभोक्ताओं को भी ताजी सब्जियां नहीं मिल पा रही है। कुमार हर्ष और राकेश कुमार सहित कई सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि जो समय सब्जियां तोड़ने के लिए अनुकूल था, वह समय सब्जी बेचने के लिए निर्धारित कर दिया गया। सब्जी उत्पादकों ने रोज सुबह—सुबह बगान जा कर तीन—चार घंटे सब्जी तोड़ने और 10 बजे के बाद उसे बाजार पहुंचाने की दिनचर्या बनाई थी। इससे जहां लोगों को गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध होता था। वहीं दूसरी ओर उन्हें ताजे उत्पादों की उचित कीमत भी मिलती थी। लेकिन, सरकारी बंदिशों के बीच ऐसा नहीं हो पाता है। इसलिए एक दिन पहले की तोड़ी गई सब्जियां बाजार में पहुंचाने की मजबूरी है।
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