फसल बीमा का मामला हाईकोर्ट में पहुंचा
किसानों से राशि कटौती के बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने के मामले को लेकर किसानों ने हाईकोर्ट से गुहार लगायी है। अधिकारियों और राजनीतिक खेमाओं में...
मधुबनी , निज संवाददाता
किसानों से राशि कटौती के बाद भी फसल बीमा का लाभ नहीं मिलने के मामले को लेकर किसानों ने हाईकोर्ट से गुहार लगायी है। अधिकारियों और राजनीतिक खेमाओं में लगभग दो सालों से गुहार लगातर थक चुके किसान प्रतिनिधि देवेन्द्र चौधरी ने इस मामले में उच्च न्यायालय में अपील की है।
कोर्ट में मामला दर्ज करने के लिए किसान व उनके प्रतिनिधियों के बीच विभिन्न स्तरों पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आवेदनकत्र्ता देवेन्द्र चौधरी ने बताया कि न्यायालय से निश्चित रुप से किसानों को राहत मिलेगी। उन्होंने सभी संबंधित को फैसला आने तक किसानों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं करने का आग्रह किया है। दायर मामले में बताया गया है कि जिले के 70 हजार किसानों की राशि कटौती के बाद भी बीमा का लाभ नहीं मिला। विभाग या सरकार इस गड़बड़ी के लिए कोई पहल नहीं की है। वहीं इनके खाता में सरकार के विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की भेजी गयी राशि केसीसी के बकाये के लिए काटी जा रही है।
शौचालय और इंदिरा आवास की राशि भी काटी गयी है। लाभुक किसान अपना शौचालय और आवास नहीं बना पा रहे हैं। कोरोना संकट के कारण किसानों की माली हालत काफी खराब है। फिर बीमा का लाभ दो साल का नहीं मिला और अब बैंक योजनाओं की भेजी गयी राशि काट रही है। जिससे ये गरीब और निसहाय किसान अपना काम नहीं करा पा रहे हैं।
कटौती की राशि नहीं हुई जमा: कॉपरेटिव बैंक में फसल वर्ष 2016-17 और 2017-18 में रबी फसल बीमा के लिए राशि की कटौती की गयी। किसानों को केसीसी ऋण देने के समय ही इस राशि की कटौती बैंक द्वारा कर ली गयी।वर्ष 2016-17 में 5552 किसानों से 22 लाख 4 हजार 643 रुपये और 2017-18 में 19 हजार किसानों से 93 लाख 47 हजार 152 रुपये की कटौती कर ली गयी। लेकिन किसानों को इसका लाभ नहीं मिला।
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