झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर दौड़ाया इलेक्ट्रिक इंजन
झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर शनिवार को विद्युत चलित इंजन का ट्रायल किया गया। इंजन ने 43 किलोमीटर की दूरी 75 मिनट में तय की, जिसमें अधिकतम गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे थी। यह ट्रायल झंझारपुर से लौकहा तक किया...
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झंझारपुर, निज प्रतिनिधि। झंझारपुर-लौकहा रेलखंड पर विद्युत चलित इंजन का शनिवार को ट्रायल किया गया। इलेक्ट्रिक इंजन पहले से ही महरैल स्टेशन पर पहुंची हुई थी। चीफ लोको पायलट एवं इंजीनियरों की टीम महरैल स्टेशन पहुंचकर इलेक्ट्रिक इंजन को लेकर झंझारपुर जंक्शन पहुंचे और वहां से 43 किलोमीटर के लंबे रेल पटरी पर इलेक्ट्रिक इंजन को पहली बार ट्रायल में दौड़ाई। बताया गया कि इस दूरी को तय करने में लगभग 75 मिनट का समय लगा। ट्रायल अधिकतम 50 किलोमीटर प्रति घंटे की दर से किया गया है। यह स्पीड मैनलाइन में थी, जबकि लूप लाइन में 15 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन इंजन चलाना था। इंजन ट्रायल से पहले ही टावर वैगन इंजन से वायर की मेंटेनेंस चेकिंग की जा रही थी। इसके लिए लोको पायलट हरिशंकर प्रसाद, सहायक लोको पायलट पी एन सिंह, जेई राकेश कुमार के अलावा इलेक्ट्रीशियन कर्मी शंभू कुमार, अर्जुन कुमार, संतोष कुमार सहित अन्य लोग बीते दो दिनों से महरैल से लेकर लौकहा तक के बिजली लाइन को चेक किया था।
उन्होंने बताया कि झंझारपुर से महरैल तक इलेक्ट्रिक इंजन से मालगाड़ी तो पहुंचती थी,आज का ट्रायल झंझारपुर से लौकहा तक की दूरी को तय किया गया। रेलवे के उक्त रेलखंड में झंझारपुर हाल्ट, महरैल, हररी, वाचस्पतिनगर सहित अन्य स्टेशन है। किसी स्टेशन पर ट्रायल ट्रेन नहीं रूकी। झंझारपुर से खुलने के बाद सीधे लौकहा में रूकी। यहां यह बता दें कि बीते वर्ष के दिसंबर माह के सात तारीख को हाजीपुर के पीसीईई रंजन कुमार चौधरी ने उक्त रेलखंड पर हुए विद्युतीकरण कार्य का निरीक्षण किया था और विद्युतीकरण से वे संतुष्ट नजर आए थे। करीब ढाई माह के बाद रेलवे ने इस रेलखंड पर ट्रायल किया है।
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