बाजार समिति होगी पुनर्जीवित
बाबूबरही में 1990 से 2005 तक सक्रिय कृषि साख उत्पादन बाजार समिति को पुनर्जीवित किया जाएगा। इससे प्रखंड क्षेत्र के हजारों किसानों को लाभ होगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में निर्णय लिया है। बाजार समिति का...

बाबूबरही। प्रखंड मुख्यालय स्थित बाजार में वर्ष 1990 से 2005 तक संचालित हो रही कृषि साख उत्पादन बाजार समिति पुनर्जीवित होगी। इससे दूसरे प्रखंड के साथ साथ प्रखंड क्षेत्र के हजारों किसानों के सोए हुए भाग्य भी जागेंगे। राजनगर की ओर से बाजार में प्रवेश लेने पर कटघरा में ये समिति संचालन हो रही थी। उस कटघरा में समिति से जुड़े लोग रहते थे। जहां अपने फसल को बैलगाड़ी और ठेला गाड़ी में रखकर किसान बोली लगवाने आते थे। बहरहाल राज्य सरकार की इस तरह की निर्णय लेने के बाद अब यह परंपरा फिर से देखने को मिलेगा। बीएओ राजबिहारी ने बताया कि किसानों के बाजार समिति को पुनर्जीवित करने का निर्णय सरकार ने बजट में भी ले लिया है। वर्ष 2005 में एनडीए की सरकार में बाजार समिति को विघटित कर दिया गया था। हालांकि इस बीच में गठित बाजार समिति के जीर्णोद्धार के लिए कई विकास कार्य किए गए । जानकार बताते हैं कि विघटन से पूर्व बाजार समिति जयनगर में शिफ्ट हो गया। समिति से जुड़े कई लोग परलोक सिधार चुके। समिति के जगहों को स्थानीय लोगों ने अवैध रूप से पक्का इमारत खड़ा कर दखल कब्जा जमा लिया। जबकि समिति स्तर से किसानों को फसल देने के एवज में वाजिद दाम मिलता था। व्यापार मंडल अध्यक्ष रंधीर खन्ना ने कहा कि किसानों की सुविधा के बगैर बाजार समिति के पुनर्निर्माण का कोई औचित्य नहीं है। यदि विघटन से पूर्व की स्थिति समिति में बहाल होगी तो इसका सबसे ज्यादा लाभ किसानों को मिलेगा।
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