राम जानकी कॉलोनी के लोगों को चाहिए पेयजल और नालों की नियमित सफाई
राम जानकी कॉलोनी के निवासी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। जलजमाव, नल जल संकट, और सफाई की लापरवाही ने उनकी जिंदगी को कठिन बना दिया है। नगर निगम के अधिकारियों ने जल्द समाधान का आश्वासन दिया...
मधुबनी। राम जानकी कॉलोनी, जहाँ लगभग दस हजार की आबादी निवास करती है, मगर नगर निगम की उपेक्षा का शिकार बन चुकी है। वर्षों से इस कॉलोनी के लोग सड़क, नाला, साफ-सफाई और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि बरसात के मौसम में कॉलोनी जलजमाव से डूब जाती है और लोगों को अपने ही घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कॉलोनी में नाले का निर्माण कभी ढंग से नहीं हुआ। नालियों की सफाई भी समय पर नहीं की जाती। इससे बारिश का पानी बहने की बजाय सड़कों पर जमा हो जाता है।
महीनों तक रहता जलजमाव : रामजानकी कॉलोनी में जलजमाव सप्ताह और कभी-कभी महीनों तक बना रहता है। इससे सड़कें भी टूट जाती हैं। सड़क पर जगह-जगह गड्ढे हो जाते हैं । इन खस्ताहाल सड़कों से गुजरना कॉलोनीवासियों के लिए रोज़ की चुनौती बन चुका है। विशेषकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए परेशानी का सबब है। बच्चों को स्कूल जाते समय सबसे ज्यादा कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। कई बार बच्चे इन गड्ढों में गिरकर चोटिल हो जाते हैं। इससे उनके स्वास्थ्य और पढ़ाई दोनों पर असर पड़ता है। स्थानीय लोग बताते हैं कि उन्होंने कई बार नगर निगम और जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर गुहार लगाई, लेकिन उनकी समस्याओं पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। कॉलोनी के लोगों में अब गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि जब वे टैक्स देते हैं और सभी सरकारी योजनाओं में भागीदार हैं, तो फिर उन्हें मूलभूत सुविधाओं से क्यों वंचित रखा जा रहा है।
नल जल की समस्या: हर वर्ष गर्मी का मौसम शहरवासियों के लिए पानी की भारी समस्या लेकर आता है। तापमान बढ़ते ही भू-जल स्तर तेजी से नीचे चला जाता है, जिससे अधिकांश क्षेत्रों में लगे चापाकल पूरी तरह सूख जाते हैं। यह स्थिति हर साल की तरह इस बार भी बनी हुई है, जिससे लोगों को पीने और घरेलू उपयोग के लिए पानी जुटाना मुश्किल हो गया है। शहर के कई मोहल्लों, जैसे कि राम जानकी कॉलोनी और अन्य घनी आबादी वाले इलाकों में जल संकट चरम पर है। जिन इलाकों में पहले चापाकल से आराम से पानी निकलता था, वहां अब लोगों को घंटों इंतजार करने के बाद भी एक बाल्टी पानी नसीब नहीं हो रहा। महिलाओं को दूर-दराज के इलाकों से पानी लाना पड़ रहा है, जिससे उनका दैनिक जीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। साथ ही, बच्चे और बुजुर्ग भी इस परेशानी से अछूते नहीं हैं।
कॉलोनी में निरंतर साफ-सफाई नहीं होती : कॉलोनी के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में नियमित रूप से सफाई नहीं होती, जिससे सड़क के किनारे कचरा इधर-उधर बिखरा रहता है। यह गंदगी न केवल दुर्गंध फैलाती है, बल्कि संक्रामक बीमारियों का खतरा भी बढ़ा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि नगर निगम द्वारा न तो कचरा उठाने की नियमित व्यवस्था है और न ही सफाईकर्मी समय पर आते हैं। कॉलोनी की गलियों में जगह-जगह कचरे के ढेर लगे हुए हैं, जिनमें सड़ने-गलने की वजह से कीड़े-मकौड़े और मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है। यह स्थिति गर्मी और बरसात के मौसम में और भी भयावह हो जाती है। कॉलोनी की महिलाएं और बुजुर्ग बताते हैं कि कचरे की दुर्गंध के कारण उन्हें घरों से बाहर निकलने में तकलीफ होती है। बच्चों के लिए खेलना और स्कूल जाना भी कठिन होता जा रहा है, क्योंकि गंदगी से भरी सड़कों पर चलना जोखिम भरा हो गया है। इसके अलावा आवारा पशु कचरे में मुंह मारते हुए अक्सर सड़कों पर घूमते रहते हैं। इससे दुर्घटना का खतरा भी बना रहता है।
बोले जिम्मेदार
कॉलोनी की सड़क और नाले के निर्माण के लिए टेंडर निकाला गया है कॉलोनी में जल्द ही सड़क और नाला निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। वहीं नलजल की समस्या को लेकर हर वार्ड में पुन: सुधार कार्य शुरू किया गया है। इसके तहत रामजानकी कॉलोनी में भी शुद्ध पेयजल की व्यवस्था ठीक होगी। हर वार्ड में सफाईकर्मियों की बहाली कर उन्हें तैनात किया गया है। अगर किसी भी वार्ड की साफ सफाई निरंतर नहीं होने की शिकायत होगी तो समस्या का तुंरत ही समाधान किया जाएगा। नगर निगम अपने शहर की सुविधाओं के लिए हमेशा तैयार है।
-अरुण राय, मेयर
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