नगर दर्शन से शुरू हुआ सीताराम विवाहोत्सव
जनकपुरधाम में प्रभु श्रीराम और माता जानकी के विवाहोत्सव का आरंभ नगर दर्शन कार्यक्रम से हुआ। भक्तों की भारी भीड़ इस महोत्सव में शामिल होने के लिए पहुंच रही है। 6 दिसंबर को विवाह और 7 दिसंबर को राम...
हरलाखी। जनकपुरधाम में प्रभु श्रीराम व जनक दुलारी माता जानकी के विवाहोत्सव का विधान रविवार को पूरे उमंग के साथ उत्सवी माहौल में नगर दर्शन कार्यक्रम से शुरु हुआ। इस दौरान राजा जनक के दरबार अर्थात जानकी मंदिर का आकर्षण भी बढ़ गया। भगवान के आगमन के साथ ही जानकी मंदिर परिसर राजा जनक के दरबार की तरह सजने लगे। पूरे जनकपुर में जश्न का माहौल है। महोत्सव में शामिल होने के लिए भारत व नेपाल के दूरदराज से श्रद्धालु जनकपुर पहुंचने लगे हैं। इस अवसर की लोगों को काफी समय से प्रतीक्षा रहती है। जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास व उत्तराधिकारी महंत रामरोशन दास के नेतृत्व में प्रभु श्रीराम को नगर दर्शन कराया गया। दोनों महंतों ने साज-सज्जा पर बैठे भगवान की पूजा की और उन्हें सम्मान के साथ अंगवस्त्र, फूल माला आदि पहनाए।
मिथिला आगमन पर प्रभु श्री राम ने गुरु विश्वामित्र व भ्राता लक्ष्मण के साथ जानकी मंदिर परिसर में घूमकर नगर दर्शन किये। मिथिलानियों द्वारा लाई गई वस्तुएं भगवान को दिखाई गई। लोगों का कहना है कि धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए जब प्रभु श्रीराम भाई लक्ष्मण व अपने गुरु विश्वामित्र के साथ पहली बार जनकपुर आए थे तो उन्हें सबसे पहले नगर दर्शन कराया गया था। इस बार 6 दिसंबर को श्रीराम व माता जानकी का विवाहोत्सव मनाया जायेगा। उक्त अवसर पर 51 जोड़ियों का सामूहिक आदर्श विवाह भी होगा। जानकी मंदिर परिसर में हर दिन संध्याकाल प्रभु श्रीराम व माता जानकी का झांकी निकलती है। श्रद्धालुओं को हर श्रीराम कथा का श्रवण कराया जा रहा है, यह 7 दिसंबर तक चलेगा।
आज होगी फूलवारी लीला
सोमवार को लाखों श्रद्धालुओं के बीच विवाह मंडप परिसर स्थित पुष्पवाटिका में मिथिला की शालीन रीतिरिवाजों के बीच प्रभु श्रीराम व माता जानकी की भेंट का प्रसंग दिखाया जाएगा।
कल होगा धनुष यज्ञ : धनुष यज्ञ के माध्यम से मंगलवार को संध्या पांच बजे प्रभु श्रीराम के द्वारा धनुष भंग किये जाने की रस्म अदा की जाएगी। मालूम हो कि हर साल धनुष यज्ञ कार्यक्रम की झलकियां देखते बनती है। लाखों लोग इस रस्म में शामिल होते हैं।
चार को होगा तिलकोत्सव : मिथिला के परंपरा के अनुसार 4 दिसंबर को माता जानकी के मंदिर से विधि-विधान पूर्वक छप्पन प्रकार के मिठाई व फल के साथ भगवान श्रीराम को तिलक चढ़ाने के लिए दिन के एक बजे श्रीराम मंदिर के लिए प्रस्थान किया जायेगा। जहां श्रीराम मंदिर के महंत राम गिरी व जानकी मंदिर के दोनों महंत समधी की भूमिका में रस्म निभाते हैं।
पांच दिसंबर को है मटकोर : पांच दिसंबर को मटकोर रस्म के लिए दोपहर दो बजे मां जानकी अपने मंदिर प्रांगण से गंगासागर पोखर के लिए प्रस्थान करेंगी। इस रस्म के दौरान गाजे-बाजे संग हजारों लोग मौजूद होंगे।
छह दिसंबर को है स्वयंवर तथा शुभ विवाह : छह दिसंबर को दोपहर एक बजे जानकी मंदिर से माता जानकी का डोला और श्रीराम मंदिर से भगवान श्रीराम का डोला बारह बीघा मैदान में पहुंचेगा। जहां दोनों डोले को घुमाकर स्वयंवर की रस्म पूरी की जाएगी। वहीं शाम छह बजे जानकी मंदिर परिसर में शुभ विवाह की रस्म पूरी की जायेगी।
7 दिसंबर को है राम कलेवा : 7 दिसंबर को भगवान श्रीराम व जनक नंदनी माता जानकी के शुभ विवाह में शामिल होने वाले बारातियों को दोपहर एक बजे मर्याद भोजन कराकर विदाई होगी।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।