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पंडौल पीएचसी से बनता है दरभंगा के लोगों की इंजुरी

जिले के पंडौल पीएचसी से दरभंगा जिले के मनीगाछी व आसपास के इलाके के लोगों की इंज्यूरी बनती है। मनीगाछी व अन्य जगहों से लोग आकर भर्ती होते हैं, और उनकी इंजुरी बन जाती है। जबकि मनीगाछी के आसपास के दायरे...

हिन्दुस्तान टीम मधुबनीWed, 3 July 2019 08:07 PM
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जिले के पंडौल पीएचसी से दरभंगा जिले के मनीगाछी व आसपास के इलाके के लोगों की इंज्यूरी बनती है। मनीगाछी व अन्य जगहों से लोग आकर भर्ती होते हैं, और उनकी इंजुरी बन जाती है। जबकि मनीगाछी के आसपास के दायरे में तीन-तीन अस्पताल हैं। बावजूद 15 किलोमीटर दूर पंडौल में आकर पैसे के बल पर ग्रिवियस इंज्यूरी बनाकर लोगों को तंगो-तवाह करते हैं। इस बात की शिकायत जगदीशपुर नेहरा की गिन्नी खातून, आफताब आलम और नारायणपुर मनीगाछी के अब्दुल हकीम ने सिविल सर्जन और एसपी को आवेदन देकर इसकी शिकायत की है। तीनों ने कहा कि उस इलाके में इस तरह का एक सिंडिकेट काम करता है जो मामूली विवाद को भी तूल देकर भले लोगों से रुपये ऐंठता है। इसमें पंडोल के एक डॉक्टर शकील की भूमिका है। जो सामान्य मरीजों को भी पैसे के बल पर ग्रिवियस इंज्यूरी दे देता है। कुछ ऐसे मरीज के भी नाम गिनाए जिनको भर्ती तक नहीं किया गया और फर्जी तरीके से इंज्यूरी दे दी गई। डॉक्टर पर आरोप है कि वे अपना प्राईवेट अस्पताल भी चलाते हैं। घटना दूसरे जिले में घटती है तो वे पंडोल अस्पताल से उनकी इंज्यूरी बनाता है। इसमें वहां के कुछ स्थानीय लोगों की मिलीभगत भी है, बाद में ब्लैकमेल कर मोटी रकम लेकर समझौता करवाता है। अन्यथा इंज्यूरी ऐसा बना देता है कि उसे बेल तक मिलना मुश्किल होता है। इस बाबत सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश झा ने बताया कि आवेदन की जानकारी नहीं मिली है। आवेदन मिलने पर मामले की जांच कराई जाएगी। इस बाबत पंडौल के चिकित्सक डॉ. शकील ने बताया कि उनपर लगाए गये तमाम आरोप बेबुनियाद है। जब कोई व्यक्ति अपनी अपेक्षा लेकर आते हैं, और पूर्ति नहीं होती है तो ऐसा आरोप मढ़ते हैं।

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