दिव्यांगों की सेवा में राष्ट्रीयता झलकती
सेवा करने के लिए किसी पद पर रहना या धनवान होना जरूरी नहीं है। सेवा की भावना तो उदार लोगों के दिल में बसती है। हम किसी दिव्यांग व्यक्ति का हाथ पकड़ कर उसे व्यस्त सड़क पार कराते हैं, वह भी एक बड़ी सेवा...
लाचारों की सेवा करने से पुण्य की प्राप्ति सभी मजहब की मान्यता है। जो लोग दिल से राष्टप्रेमी और समाजसेवी होते हैं वही असहायों की मदद करते हैं। सेवा करने के लिए किसी पद पर रहना या धनवान होना जरूरी नहीं है। सेवा की भावना तो उदार लोगों के दिल में बसती है। हम किसी दिव्यांग व्यक्ति का हाथ पकड़ कर उसे व्यस्त सड़क पार कराते हैं, वह भी एक बड़ी सेवा है। ये बातें बीडीओ वैभव कुमार ने कही। वे टीपीसी हॉल में क्षेत्र के लोगों और स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित कर रहे थे। मौका था दिव्यांगता जांच शिविर का। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कामेश्वर महतो ने कहा कि भगवान की पूजा का फल दिव्यांगों की सेवा करने से मिलता है। डॉ. मनोज कुमार अकेला ने कहा कि जिन लोगों के मन में राष्ट्रभक्ति का भाव होता है, वही असहायों की सेवा की मानसिकता रखते हैं। इस दौरान डॉक्टरों की टीम ने 35 दिव्यांगों जांच की। जिला से मधवापुर पहुंचे जांच दल के अधिकारियों ने वैन में लगे खास उपकरणों से अगल-अलग तरह की जांच की। अधिकारियों ने कहा कि जांच रिपोर्ट तैयार होने के बाद प्रमाण पत्र लेने के लिए संबंधित लोगों को बुलाया जाएगा।
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