एनएच-57 पर होती हैं सबसे अधिक दुघर्टनाएं
जिले में सबसे अधिक सड़क हादसे एनएच 57 पर होते हैं। जिले की सीमा से लगने वाली करीब 65 किलोमीटर से अधिक दूरी तक गुजरे इस एनएच 57 पर प्रतिवर्ष सौ से...
मधुबनी , नगर संवाददाता
जिले में सबसे अधिक सड़क हादसे एनएच 57 पर होते हैं। जिले की सीमा से लगने वाली करीब 65 किलोमीटर से अधिक दूरी तक गुजरे इस एनएच 57 पर प्रतिवर्ष सौ से अधिक लोगों की जान जाती हैं। इन हादसों में अधिकतर हादसे तेज रफ्तार की वजह से होती है।
फरवरी माह में करीब 10 से अधिक लोगों की मौते हो चुकी हैं। जख्मियों की संख्या करीब 30 को पार कर चुकी है। सकरी से लौकही के समीप एनएच 57 के जिले के अंतिम छोड़ तक कोहरे और तेज रफ्तार की वजह से अधिक दुर्घटनाएं होती हैं। इस दरम्यान महज तीन ब्लैक स्पॉट शामिल किए गये हैं। जिला परिवहन पदाधिकारी सुशील कुमार ने बताया कि वैसे जगहों को ब्लैक स्पॉट में शामिल किया गया है, जहां बीते कुछ वर्षों में अत्यधिक दुर्घटनाएं घटी हैं।
फुलपरास के नजदीक एनएच 57 भुतहा चौक के समीप अधिक हादसों के बाद उसे ब्लैक स्पॉट के रूप में पहचान की गई है। वहां पर दोनों तरह से सड़क मिलती हैं। ब्रेकर तो पहले से बनी है। पर एनएन 57 के उस जगह पर फाइबर स्पीड ब्रेकर की जरूरत है तथा दिशा निदेश पट्टी की साइज भी बढ़ाने की अनुशंसा की गई है। समिया ढाला के पास एनएच 57 पर फाइबर स्पीड ब्रेकर एवं बड़ा साइन बोर्ड लगाने की जरूरत है। इसके अलावा सकरी चौक के समीप मधुबनी की ओर बने कट के समीप भी अत्यधिक दुर्घटना वाला जोन घोषित किया गया है। हालांकि वहां पर बड़ा साइनबोर्ड एवं कट को भी अधिक बड़ा कर दिया गया है। इसके अलावा फाइबर स्पीड ब्रेकर भी लगाने की बात कहीं गई है। डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि 15 जनवरी 2021 को जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में इन तमाम बिन्दुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक के दौरान उदाहरण के तौर पर बताया गया कि सबसे अधिक मौतें धंुध और कोहरे के कारण 125 दुर्घटनाओं में 86 लोगों की मौतें हुईं। वहीं 116 लोग जख्मी भी हुए। जबकि सामान्य मौसम में कुल 57 हादसों में 38 लोगों की मौतें हुईं, जबकि 52 लोग जख्मी हुए।
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