सिनेमा हाॅल खत्म हो गए, यहां पर बन रहीं मैथिली फिल्में देखना भी मुश्किल
मधुबनी शहर में एक भी आधुनिक सिनेमा हॉल नहीं है, जिससे युवा नई फिल्मों के लिए दरभंगा या अन्य जिलों की ओर जाने को मजबूर हैं। युवाओं ने जिला प्रशासन से शहर में सिनेमा हॉल स्थापित करने की मांग की है,...
मधुबनी । मधुबनी शहर में जहां कभी दो-तीन सिनेमा घर हुआ करते थे। लेकिन आज के समय में यहां एक भी आधुनिक सिनेमा हॉल नहीं है। इस स्थिति ने विशेष रूप से युवाओं को प्रभावित किया है, जो नई फिल्मों को देखने के लिए उत्सुक रहते हैं। उन्हें फिल्मों के लिए दरभंगा या अन्य जिलों की ओर जाना पड़ता है, जिससे न केवल समय की बर्बादी होती है बल्कि आर्थिक रूप से भी अतिरिक्त बोझ पड़ता है। युवाओं की मांग है कि शहर में एक सिनेमा हॉल स्थापीत हो, ताकी युवा व अन्य लोग मनोरंजन का लुफ्त उठा सकें। विकास की दौड़ में जहां एक ओर बड़े शहर मनोरंजन के आधुनिक साधनों से लैस हो चुके हैं, वहीं मधुबनी बुनियादी सांस्कृतिक सुविधाओं से वंचित हैं। फिल्में केवल मनोरंजन का साधन नहीं होतीं, बल्कि वे सामाजिक संदेश, सांस्कृतिक विविधता और सामूहिक अनुभव का माध्यम भी होती हैं। लेकिन मधुबनी में आधुनिक सुविधाओं की कमी के कारण यहां के युवाओं को इन सबका लाभ नहीं मिल पाता। यदि शहर में एक आधुनिक सिनेमा हाॅल की स्थापना की जाए, तो यह न केवल युवाओं के मनोरंजन का साधन बनेगा, बल्कि उनके आर्थिक और सामाजिक जीवन पर भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा।
फिल्मों का क्रेज हमेशा से रहा है। सिनेमाघर खुलने से सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि युवाओं को अपनी पसंदीदा फिल्में देखने के लिए दूसरे जिलों की ओर नहीं जाना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर, एक सिनेमाहाॅल खुलने से शहर के भीतर रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। टिकट काउंटर, सुरक्षा, सफाई, प्रबंधन, टेक्निकल स्टाफ, कैफेटेरिया आदि क्षेत्रों में स्थानीय युवाओं को नौकरियां मिल सकती हैं। इससे मधुबनी के युवाओं को महानगरों की ओर रोजगार की तलाश में पलायन नहीं करना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त, आधुनिक सुविधा वाला सिनेमाहाॅल मधुबनी शहर की छवि को भी आधुनिक और प्रगतिशील बनाएगी। जब शहर में सुविधाएं बढ़ेंगी, तो यहां का विकास भी तेजी से होगा। इससे व्यापार, पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
पर्दा पर चलता है मैथिलि फिल्म: मिथिला मखान फिल्म को सर्वश्रेष्ठ मैथिली फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। मधुबनी के राजनगर में भी इसकी शूटिंग हुई थी। लेकिन यहां सिनेमा घर नहीं होने के कारण फिल्म यहां रीलीज नहीं हो सका। यहां बनने वाली फिल्म दूसरे जिले में जाकर देखना पड़ता है। हाल दिनों में काफी डिमांड पर शहर में मैथिल फिल्म को पर्दा पर दिखाया जा रहा है। लेकिन युवाओं में इससे संतुष्टी नहीं मिल पा रही है। वहीं इस ओर जिला प्रशासन की ओर से कभी प्रयास नहीं किया जा रहा है। युवाओं ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जिला प्रशासन की पहल से शहर में एक मल्टी सिनेमा हॉल की स्थापना हो ताकी जिले मेें और बाहर बनने वाली फिल्म को युवा देख सकें।
शहर में बच्चों के लिए पार्क की समस्या: मधुबनी शहर में छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए खेलने और टहलने की आधुनिक और सुरक्षित व्यवस्था नहीं है। बच्चों और बुजुर्गों को मनोरंजन, व्यायाम और मानसिक शांति के लिए एक उपयुक्त स्थान की आवश्यकता होती है, जो उन्हें प्राकृतिक वातावरण और सामाजिक मेलजोल का अवसर प्रदान कर सके। दुर्भाग्यवश, मधुबनी में ऐसी कोई समुचित सुविधा उपलब्ध नहीं है। शहर में कहने को तो गंगा सागर के पास एक पार्क है, लेकिन वह भी छोटा और सीमित सुविधाओं वाला है। वहां न तो पर्याप्त झूले हैं, न ही बुजुर्गों के बैठने के लिए आरामदायक स्थान या वॉकिंग ट्रैक की व्यवस्था है। बच्चों को खेलने के लिए पर्याप्त जगह नहीं मिलती। वहीं बुजुर्गों को सुबह-शाम टहलने के लिए सुरक्षित और शांत वातावरण न मिल पाने के कारण वे सड़कों पर टहलने को मजबूर हो जाते हैं, जो न केवल असुरक्षित है बल्कि यातायात की दृष्टि से भी जोखिम भरा है। आज के भागदौड़ भरे जीवन में पार्क सिर्फ मनोरंजन का स्थान नहीं बल्कि एक मानसिक शांती और सामाजिक संवाद का केंद्र बन चुके हैं। इस स्थिति में सुधार के लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों को मिलकर कदम उठाने होंगे। जिले में एक बहुउद्देशीय सिनेमा हाॅल और सार्वजनिक पार्क की स्थापना की जाए। इसके लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी माॅडल) को अपनाया जा सकता है।
बोले जिम्मेदार
सिनेमा हाॅल के लिए करेंगे प्रयास: समीर महासेठ
शहर में एक भी सिनेमा हाॅल नहीं होने से सिनेमा प्रेमी युवाओं को हो रही परेशानियों को लेकर मधुबनी विधायक समीर महासेठ ने बताया कि जल्द ही शहर में आधुनिक सुविधा युक्त सिनेमा हाॅल खोला जाएगा, इससे सिनेमा प्रेमी युवाओं को दूसरे जिला जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा खुलने से रोजगार के अवसर भी शहर वासियों को मिलेगा। अन्य महानगरों में जाकर सिनेमा घरों में जो काम करते हैं वह व्यक्ति अपने शहर में ही रहकर काम कर सकेंगे। इस दिशा में प्रयास कर रहे हैं, जल्द ही शहरवासियों के लिए सिनेमा हाॅल खुलेगा।
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