‘मखाना बोर्ड के गठन से खेतों में भी होगी मखाना की खेती
मिथिला में कृषि के विकास की दिशा में डबल इंजन सरकार की पहल से किसानों की आय में वृद्धि होगी। मखाना बोर्ड के गठन से मखाना उत्पादन, पैकिंग और मार्केटिंग मिथिला में होगी। मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देने...

बेनीपट्टी, निज प्रतिनिधि। मिथिला प्राचीनकाल से अद्वितीय रहा है। इसके विकास में रहे रूकावट अब डबल इंजन की सरकार में समाप्त हो चुका है। माछ,पान और मखान के लिए विश्व के पटल पर पहचान को बरकरार रखने वाला मिथिला जो बाढ़,सुखार की समस्याओं से जूझ रहा था उसके निदान पर तेजी से पहल जारी है। 1972 से लम्बित पश्चिमी कोशी नहर का काम पूरा होते ही जहां बाढ़ की समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा। वहीं नदियों के कनेक्टिविटी बढ़ने से खेतों तक सिंचाई होगी और किसान तालाबों के साथ-साथ खेतों में भी मखाना की खेती कर अपनी आय में वृद्धि कर पाएंगे। इसके लिए मखाना बोर्ड का गठन कर दिया गया है। अब इसके उत्पादन के साथ ही पैकिंग,मार्केटिंग भी मिथिला में ही होगा। मिथिला की कला, पेंटिंग विश्व में अपनी पहचान बना चुकी है। मिथिला भ्रमण के समय पद्मश्री से सम्मानित दुलारी देवी द्वारा वित्त मंत्री को भेंट की गई साड़ी को पहनकर सदन में बजट पेश करना एवं मिथिलांच के बारे में चर्चा करना बड़ी बात है। पीएम एवं सीएम का मिथिला हाट में समय बिताना एवं हरएक पारंपरिक वस्तुओं के बारे में जानकारी लेना मिथिला क्षेत्र के विकास को दर्शाता है। उन्होने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य एवं कृषि के क्षेत्र में धरातल पर काम करना काबिले तारीफ है। उन्होने आश्वस्त किया कि उनकी डबल इंजन की सरकार से जो भी बन पाएगा उनके इस कार्य को आगे बढ़ाने में सहयोग करेंगे ताकि कृषि क्षेत्र से जुड़कर लोग रोजगारउन्मुख हो सके। एस के चौधरी शिक्षा न्यास द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा, बसैठ में कृषि,शिक्षा एवं स्वास्थ्य महोत्सव एण्ड मेगा एग्री एक्सपो-2025 के 9 वें तीन दिवसीय महोत्सव के दूसरे दिन के समिनार का मुख्य अतिथि के रूप में दीप प्रज्वलित कर अपनी बातें रखते हुए जदयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सह सांसद संजय कुमार झा ने शनिवार को कही। आगत अतिथियों का स्वागत न्यास के अध्यक्ष डॉ.संत कुमार चौधरी ने की। अध्यक्षता पद्मविभूषित पूर्व मंत्री हुकुम देव नारायण यादव एवं संचालन सुमित झा ने किया। मौके पर मंत्री हरि सहनी, श्रीलंका एवं वियतनाम के एम्बेस्डर अरूणकेयोमोर हार्डेन,पोलेंड के अलीकसंदर झिटको एवं अमित कुमार, अम्ताज के वेयरनिका , रसिया के डॉ एवगेनी ग्रीवा, अलिक्जेंडर जिटको, जैयपुर के कुलपति बलराज सिंह, बीकानेर के कुलपति अरूण कुमार सिंह, जोधपुर के अजय कुमार शर्मा, नीदरलैंड के रीसिनद शर्मा, दुर्गानंद झा, श्यामा मंदिर न्यास समिति के जय शंकर झा, मित्रनाथ झा, संदीप तिवारी, पुनौराधाम के ट्रस्टी बासुदेव गर्ग सहित अन्य ने अपनी बातें रखी।
मोटे अनाज की खेती से किसानों की बदलेगी माली हालत
एस के चौधरी शिक्षा न्यास द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद्र चानपुरा,बसैठ में आयोजित तीन दिवसीय महोत्सव का देश विदेश से आये एम्बेस्डर, कृषि वैज्ञानिकों एवं प्रतिनिधियों ने भी संबोधित किया। उनका स्वागत न्यास के अध्यक्ष डॉ.संत कुमार चौधरी ने पाग,शॉल एवं मोमेंटो देकर सम्मानित किया। पूर्व मंत्री समीर महासेठ ने कहा कि हमें खेती के पुराने तकनीक को कभी नहीं भूलना चाहिए। मोटे अनाज आज की मांग है। किसानों को इसके लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित एक्सट्राऑरडीनरी,प्लेनीपोटेंसरी इंडिया, श्रीलंकस एवं वियतनाम के राजदूत अरूणकेओरमर हारडेन ने कहा कि कृषि को विकसित किये बगैर देश को विकसित करना संभव नहीं है। इसके लिए सभी को प्रयास करने की जरूरत है।
मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित बिहार सरकार के साइंस एवं तकनीकी विभाग के सुमित कुमार सिंह ने भूमि की उर्वरा शक्ति को बचाने के लिए जैविक खाद पर बल दिया। कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति लक्ष्मी निवास पाण्डेय ने कहा कि किसान अन्नदाता कहा गया है। राम राजय में भी राजा का आदेश होता था कि उनकी प्रजा भूखे नहीं सोये। उपकुलपति अरूण कुमार सिंह ने विकसित देश बनाने के लिए मोटे आनाज की खेती पर बल देने की बात कही। डिप्टी ट्रेड कमीशन रसीया फेडरेशन के इवजेनी ग्रीवा ने कहा कि कृषि उपज के लिए व्यापार की सुविधा उपलब्ध कराना भी जरूरी है। डीजी एनआई एमएसएमई हैदराबाद के एस ग्लोरी स्वरूपा ने कहा कि कृषि क्षेत्र में युवाओं एवं महिलाओं का झुकाव के लिए प्रोत्साहित करने की जरूरत है। वहीं अपनी अध्यक्षीय भाषण में पद्म विभूषण से सम्मानित पूर्व मंत्री हुकुम देव नारायण यादव ने कहा कि भारतीय कृषि को अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। किसान हमारे अन्नदाता पिता हैं और धरती हमारी मां है। हमें इस धर्म को निभाते हुए देश को एक प्रगतीशल एवं विकसित राष्ट्र बनाने की जरूरत है।
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