धरोहर को वैश्विक मंच पर लाने की जरूरत : संजय
मधुबनी में आयोजित वैदेही उत्सव में राज्यसभा सांसद संजय कुमार झा ने मिथिला की सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक मंच पर लाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने माता सीता को भारतीय नारी शक्ति और सांस्कृतिक...
मधुबनी,निज संवाददाता। मिथिला की सांस्कृति धरोहर को वैश्विक मंच पर लाने की जरूरत है और इसके लिए बिहार सरकार व केंद्र की सरकार ने हाल के दिनों में काफी काम किया है। काफी पहल की है। नई दिल्ली में आयोजित वैदेही उत्सव में राज्यसभा सांसद एवं जदयू के कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार झा ने यह बात कही। इन्होंने कहा कि माता सीता भारतीय नारी शक्ति, धैर्य, त्याग और मर्यादा की प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि सीता केवल धार्मिक पात्र नहीं, बल्कि भारतीय सभ्यता की आत्मा से जुड़ी सांस्कृतिक चेतना की प्रतिनिधि हैं। यह आयोजन मधुबनी लिटरेचर फेस्टिवल और सेंटर फॉर स्टडीज ऑफ ट्रेडिशन एंड सिस्टम्स के संयुक्त तत्वावधान में हुआ।
इस अवसर पर मां सीता पर केंद्रित दर्जनों मिथिला चित्रकारों की पेंटिंग्स की प्रदर्शनी और कैटलॉग का लोकार्पण हुआ। डा. सविता झा ने बताया कि सीता का उल्लेख वैदिक ग्रंथों में भी मिलता है, जहां उन्हें कृषि और उर्वरता की देवी माना गया है। साहित्यकार डा. अनामिका ने कहा कि सीता अहं से वयं की यात्रा की प्रतीक हैं, जिनमें अपार धैर्य है। संत बंग्लामुखी पीठ के प्रसिद्ध चित्रकार भारती दयाल, डा. पंकज मिश्रा और अन्य अतिथियों ने भी कार्यक्रम में सहभागिता की।
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