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सेवई व इत्र की दुकान करने वालों को मिले स्थायी ठिकाना

मधुबनी के वार्ड नंबर 24 में रमजान के दौरान सड़क किनारे लगभग 20 अस्थायी दुकानदार अपनी दुकानें लगाते हैं। लेकिन रमजान के बाद उनकी दुकानें बंद हो जाती हैं। दुकानदार स्थायी बाजार की मांग कर रहे हैं, जिससे...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीMon, 10 March 2025 06:45 PM
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सेवई व इत्र की दुकान करने वालों को मिले स्थायी ठिकाना

मधुबनी। शहर के वार्ड नंबर 24 में मस्जिद के पास स्थित सड़क किनारे रमजान के महीने में लगभग 20 दुकानदार अपनी अस्थायी दुकानें लगाते हैं, जहां वे सेवई,इत्र,टोपी और अन्य सामान बेचते हैं। इनकी पीड़ा यह है कि रमजान के बाद इनकी दुकानदारी बंद हो जाती है। अधिकतर लोग बेरोजगार हो जाते हैं और काम की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर जाते हैं। दुकानदारों की पीड़ा है कि रमजान के महीने में इस कदर जाम लग जाता है कि उनकी दुकानदारी प्रभावित होने लगती है। स्थानीय प्रशासन या पुलिस की तरफ से जाम हटाने की दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। दुकानदारों की निगम प्रशासन से शिकायत है कि यहां सफाई नहीं होती है। गंदगी का अंबार लगा रहता है। कहने के बावजूद निगम का सफाईकर्मी इसकी सफाई नहीं करता है। इसके अलावा खुले नाले की बदबू के कारण ग्राहक यहां आना नहीं चाहते हैं। इनका दर्द है कि नाले की सफाई भी नहीं होती है।

सेवई दुकानदार मोहम्मद मुस्तफा बताते हैं कि रमजान के महीने में हमारी दुकान पर लोगों की भीड़ लगी रहती है लेकिन रमजान के बाद स्थायी बाजार के अभाव में अधिकतर दुकानें बंद हो जाती हैं। वे कहते हैं कि सेवई, इत्र,टोपी जैसी वस्तुओं की मांग हमेशा होती है। स्थायी तौर पर जगह व दुकान मिल जाए तो दुकानदारों को रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। अस्थायी दुकानों में बिक्री बंद हो जाती है और स्थायी बाजार की कमी के कारण दुकानदारों को अगले रोजगार के लिए कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

मोहम्मद मुस्तफा का कहना है, अगर शहर में स्थायी बाजार होता, तो हमें अपनी दुकानें बंद करने की नौबत नहीं आती। इसके बजाय, हम पूरे साल काम कर सकते थे और अपने परिवार का भरण-पोषण सुनिश्चित कर सकते थे। स्थायी बाजार के अभाव में हमें हर साल नया रोजगार ढूंढ़ना पड़ता है, जो एक कठिन प्रक्रिया है। स्थानीय दुकानदारों की यह समस्या केवल आर्थिक अस्थिरता तक सीमित नहीं है, बल्कि यह उनकी सामाजिक स्थिति पर भी प्रभाव डालती है। दुकानदारों का कहना है कि स्थायी तौर पर दुकान नहीं होने से उन्हें सरकारी योजनाओं के तहत व्यवसाय के लिए कोई लोन भी नहीं मिलता है। निगम प्रशासन ऐसे लोगों को चिह्नित कर कोई प्रमाण-पत्र जारी करे तो इसके आधार पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकता है। इससे उनके परिवार व बच्चों को अच्छी परवरिश भी अच्छे से हो सकती है।

दुकानदारों का कहना है कि यदि नगर निगम कोई ठोस कदम उठाए और शहर में एक स्थायी बाजार की व्यवस्था करे, तो न केवल उनकी समस्याओं का समाधान हो सकता है, बल्कि उनकी आर्थिक स्थिति भी बेहतर हो सकती है। स्थायी तौर पर रोजगार के अवसर मिलने से उन्हें हर साल बेरोजगारी का सामना नहीं करना पड़े।

सड़क के किनारे दुकान से जाम की समस्या: रमजान के महीने में शहर के मुख्य मार्गों पर सड़क किनारे दुकानों की तादाद बढ़ गई है, जिससे शाम के समय जाम की समस्या गंभीर हो गई है। खासतौर पर इफ्तार के समय जब लोग बाजारों में सामान खरीदने के लिए बड़ी संख्या में बाजार आते हैं। दुकानों के बाहर खड़ी गाड़ियां व छोटी सड़कों के कारण यातायात प्रभावित होता है। इस वजह से जाम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। यह न केवल आम नागरिकों के लिए परेशानी का कारण बन रही है बल्कि दुकानदारों के लिए भी नुकसानदायक साबित हो रही है।

ग्राहक लंबे समय तक जाम में फंसे रहने के कारण दुकानों तक ग्राहक पहुंच नहीं पाते है। कई बार जाम इतनी अधिक हो जाती है कि ग्राहक सामान खरीदे बिना ही वापस लौट जाते हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस जाम के कारण उनकी बिक्री पर बुरा असर पड़ रहा है। उनका व्यापार सबसे महत्वपूर्ण समय में प्रभावित हो हो जाता है। प्रशासन उन्हें स्थायी दुकान आवंटित करे ताकि वह सालों भर रोजगार कर सकें।

सरकारी योजनाओं का नहीं मिलता लाभ

दुकानदारों का कहना है कि उन्हें नए रोजगार के लिए कोई सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इससे वे पूंजी की कमी के कारण अपना व्यापार नहीं शुरू कर पा रहे हैं। सरकारी योजनाओं की कमी और उचित मार्गदर्शन के अभाव में व्यावसायिक क्षेत्र में स्थानीय लोगों को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।

यहां रोजगार उपलब्ध नहीं होने कारण कई लोग रोजगार की तलाश में अन्य राज्यों की ओर पलायन करने को मजबूर हो जाते हैं। स्थानीय बाजार में आवश्यक सुविधाओं का अभाव और पूंजी की कमी उन्हें अपने छोटे व्यापार को बढ़ाने या नया व्यवसाय शुरू करने से रोकती है।

अगर सरकारी योजनाओं का लाभ समय पर और सही तरीके से मिलता तो स्थानीय व्यापारियों को सशक्त किया जा सकता था और पलायन की समस्या को भी कम किया जा सकता था। इसके लिए सरकारी प्रयासों की आवश्यकता है ताकि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ सकें।

शहर में सड़क किनारे लगी दुकानों से जाम की समस्या लगातार बनी रहती है। यह समस्या खासतौर पर शाम के समय बढ़ जाती है, जब बाजार में भीड़ बढ़ जाती है और यातायात प्रभावित होता है। हालांकि, दुकानदारों की स्थाई बाजार की मांग को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने इस समस्या का समाधान खोजने का प्रयास तेज कर दिया गया है। फिलहाल खाली जगह की तलाश की जा रही है जहां एक स्थाई बाजार का निर्माण किया जा सके। इस कदम से न केवल दुकानदारों की समस्या का समाधान होगा, बल्कि यातायात व्यवस्था भी बेहतर होगी और शहरवासियों को जाम से राहत मिलेगी। प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा।

-अनिल कुमार चौधरी, नगर आयुक्त

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