रोक के बावजूद पांच दर्जन से अधिक शिक्षक प्रतिनियोजित
मधुबनी में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा में बड़े पैमाने पर प्रतिनियोजन का खेल चल रहा है। शिक्षकों की कमी से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शिक्षा विभाग की मिलीभगत से कई शिक्षक विभागीय...

मधुबनी, निसं। जिले में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था बड़े पैमाने पर प्रतिनियोजन का खेल चल रहा है। जिले भर में पांच दर्जन से अधिक शिक्षक प्रतिनियोजित होकर विभिन्न कार्यालयों और विभागीय कार्यों में लगे हुए हैं। यह सब जिला शिक्षा कार्यालय की मिलीभगत से हो रहा है। प्रतिनियोजित शिक्षकों में बड़ी संख्या में ऐसे लोग शामिल हैं जो शिक्षक संघ के पदाधिकारी, अधिकारियों के करीबी, विभागीय कर्मियों के परिजन हैं। शिक्षकों की कमी से जूझ रहे सरकारी स्कूलों में पठन-पाठन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है,जबकि विभाग को लगातार यह रिपोर्ट भेजी जा रही है कि कोई शिक्षक प्रतिनियोजित नहीं है। यह फर्जीवाड़ा तब हो रहा है जब एप के माध्यम से ऑनलाइन एडेंटेंस बन रहा है। डीईओ कार्यालय में दिन भर कामकाज संभाल रहे शिक्षकों की एक समूह प्रतिनियुक्त है। कई शिक्षक नेता दिनभर जिला शिक्षा कार्यालय में मौजूद रहते हैं। प्रतिनियोजित शिक्षकों की सूची हो जारी: यह विरोधाभास शिक्षा व्यवस्था की पारदर्शिता और जवाबदेही पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय संगठनों और अभिभावक संघों ने इसे गंभीर मामला बताते हुए शिक्षा विभाग से शिकायत की है। उन्होंने मांग की है कि सभी प्रतिनियोजित शिक्षकों की सूची सार्वजनिक की जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए। मिथिला मूवमेंट अगेंस्ट करप्सन और अन्य संगठनों की शिकायत है कि प्रतिनियोजन के एवज में कई शिक्षकों से मासिक नजराना लिया जा रहा है, जबकि कुछ शिक्षकों को विभागीय अधिकारी अपने निजी कार्यों में इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में न सिर्फ शिक्षा का स्तर गिर रहा है, बल्कि ईमानदारी से काम कर रहे शिक्षकों का मनोबल भी टूट रहा है। कई स्कूलों के एचएम व अभिभावकों की लगातार शिकायत रही है कि शिक्षकों की अनुपलब्धता के कारण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। कई स्कूलों में एक ही शिक्षक को दो से तीन वर्गों की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। पूरे मामले में विभाग की चुप्पी सवालों के घेरे में है। अब देखना होगा कि प्रशासन क्या कदम उठाता है।aa
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