स्कूल के बीच में बास्केटबॉल कोर्ट बनने से खेलप्रेमियों में मायूसी
बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र में घंगौर हाईस्कूल और मिडिल स्कूल के खेल मैदान को बर्बाद किया जा रहा है। खिलाड़ियों में मायूसी है क्योंकि नए कोर्ट बनाने से पहले से खेल में रुकावट आ रही है। स्थानीय...
बाबूबरही, निज संवाददाता। बाबूबरही प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत घंगौर हाईस्कूल और मिडिल स्कूल के संयुक्त खेल मैदान को बर्बाद किया जा रहा है। जबकि करीब दो बिगहा से अधिक भू भाग की रकवा वाले मैदान में क्रिकेट और फुटबाल का आयोजन एक साथ हो चुके हैं। वहीं पिछले कई सालों से लगातार क्रिकेट फैंसी मैच का आयोजन होते आ रहा है। भारत स्काउट गाइड की जिलास्तरीय और अनुमंडल स्तरीय ट्रेनिंग का आयोजन होते आ रहा है। लेकिन जबसे मैदान में वाकिंग पीट के साथ बास्केट बॉल, बैडमिंटन और वॉलीबाल के कोर्ट बनाए जाने लगे हैं तबसे स्थानीय आसपास इलाके भर के खिलाड़ियों में मायूसी छा गई है। रमन, मुरारी, मदन मोहन, मुरली, विश्वजीत आदि ने बताया कि इस मैदान में योजना कार्य को आखिर किसने अनुमति दी। मनरेगा योजना से खेल मैदान के कार्य वास्ते मिडिल स्कूल के पास खुद की जमीन उपलब्ध नहीं हो सकता। इसलिए कि जितने जमीन में वर्तमान में मिडिल स्कूल विद्यमान हैं उतने जमीन का साक्ष्य स्कूल के पास या विभाग के पास उपलब्ध नहीं है। वहीं हाईस्कूल के प्रभारी एचएम अरविंद झा ने बताया कि उनके स्तर से योजना कार्य वास्ते कोई एनओसी नहीं दी गई है। इधर, आम जनप्रतिनिधियों की माने तो राजनगर के केदार गुप्ता नाम से जिस जमीन की रसीद कटती आ रही है वह हाईस्कूल की है। कई बार स्थानीय ग्रामीणों की मौजूदगी में स्कूल जमीन की पैमाईश हो चुकी है। लोगों में नाराजगी इस बात से भी है कि जो बास्केटबॉल का कोर्ट पूरब की ओर बढ़ा कर बनाया गया यदि वही पश्चिम से और वाकिंग पीट के जगहों में बनाया जाता तो उपयुक्त रह सकता था। लेकिन आगे भी यह मैदान उपयोगी रहेगा इसकी कोई गारंटी नहीं है। इसलिए कि बरसात भर तक एक से डेढ़ फीट तक पानी खेल मैदान में जमा रहता है। यदि खेल मैदान बनने से पहले बारिश का निकास पानी कुछ दिनों में निकास हो जाता। खेल मैदान में मिट्टीकरण कराने के बाद खेल मैदान की योजना संचालन होने से लोगों को आपत्ति नहीं है। वहीं प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी दिनेश कुमार ने बताया कि खेल मैदान बनाने की जिम्मेदारी स्थानीय पंचायत की है।
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