लेट होती ट्रेनें बढ़ा रही है प्रवासियों की परेशानी
जिले में ट्रेनों से प्रवासियों का आना जारी है। कुछ सीधे श्रमिक ट्रेनों से आ रहे हैं। कुछ पटना और दूसरे जगहों से लोकल ट्रेन की मदद से। लोकल ट्रेन से आनेवालों की परेशानी भी कुछ कम नहीं है। उन्हें...
जिले में ट्रेनों से प्रवासियों का आना जारी है। कुछ सीधे श्रमिक ट्रेनों से आ रहे हैं। कुछ पटना और दूसरे जगहों से लोकल ट्रेन की मदद से। लोकल ट्रेन से आनेवालों की परेशानी भी कुछ कम नहीं है। उन्हें नाश्ता-पानी तक नहीं मिल रहा है। स्टेशनों पर कोई स्टॉल खुला नहीं है। और मधुबनी में उन्हें स्टेशन पर पानी मिलता नहीं है। पर श्रमिक ट्रेनों से आनेवालों को नाताऔर पानी स्टेशन पर मिल रहा है। जेएन कॉलेज में ठहराने की व्यवस्था की गयी है वहां भी इंतजाम नाकाफी है। गंदगी और शौचालय की परेशानी है। प्रवासियों का ट्रेनों से आना लगातार जारी है। अभी तक लॉक डाउन में करीब 30 से अधिक ट्रेनें मधुबनी पहुंच चुकी है। मंगलवार को अहले सुबह से शाम साढ़े तीन बजे तक करीब सात ट्रेनें विभिन्न जगहों से करीब दो हजार प्रवासियों को लेकर मधुबनी रेलवे स्टेशन पहुंची। सभी ट्रेनें अपने निर्धारित समय से घंटों विलंब से मधुबनी पहुंची। इससे प्रवासी यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। सूरत , भिवंडी, जलालपुर ,बरौनी, दानापुर आदि जगहों से पहुंचे यात्रियों ने बताया कि एक तो गर्मी उपर से ट्रेन का कोई टाइम टेबल नहीं है। सभी ट्रेनें चार से पांच घंटे विलंब से पहुंच रही है। बरौनी से मधुबनी करीब साढ़े तीन घंटे विलंब से ट्रेन पहुंची। मो. आजाद, अंजलि देवी, कामेश्वर चौधरी, रामबाबू सहित कई प्रवासी यात्रियों ने बताया कि ट्रेन में पीने के पानी की बहुत किल्लत थी। लंबी दूरी के ट्रेनों के पैसेंजर को स्टेशन पर उतरते ही भोजन व पानी दिया जाता है। लेकिन, बरौनी वाली ट्रेन से उतरे यात्रियों को यहां भोजन पानी नहीं दिया जा रहा है। अब घर पहुंचे हैं तो चापाकल पर कहीं पानी पी लेंगे। रेलवे स्टेशन पर सभी यात्रियों को बस से अपने प्रखंड क्वारंटाइन सेंटर भेजा गया।
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