झंझारपुर उपकारा के बंदी की मौत
झंझारपुर उपकारा में एक 81 वर्षीय बंदी सूर्य नारायण यादव की रविवार को मौत हो गई। वह पिछले दो वर्षों से सजायाफ्ता था और कैंसर से पीड़ित था। उसकी तबीयत बिगड़ने पर उसे स्थानीय अस्पताल भेजा गया, लेकिन...

झंझारपुर , निज प्रतिनिधि। उपकारा झंझारपुर के एक सजायाफ्ता बंदी की मौत रविवार को दोपहर बाद हो गई। बंदी की पहचान ललमनिया थाना क्षेत्र के वीरपुर गांव निवासी स्वर्गीय सोनाई यादव के 81 वर्षीय पुत्र सूर्य नारायण यादव उर्फ सूर्या नाथ यादव के रूप में हुई है। जेल अधीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि लगभग 2 वर्षों से वह सजायाफ्ता बंदी के रूप में उपकारा में था। एक अन्य केस और होने के कारण उसे मुजफ्फरपुर जेल नहीं भेजा गया था। प्रायः सजायाफ्ता बंदी मुजफ्फरपुर जेल में ही रहते हैं। 11 अप्रैल से उनकी तबीयत खराब हुई। उसे भूख नही लग रहा था। डॉक्टर ने गॉल ब्लाडर में कैंसर बताया था। स्थानीय स्तर पर इलाज किया गया। 12 अप्रैल को दरभंगा मेडिकल कॉलेज भेजा गया। वहां से इलाज के बाद पीएमसीएच पटना भेजा गया। पीएमसीएच में भर्ती रखने के बाद इलाज हुआ। उसे 25 अप्रैल को पीएमसीएच से छुट्टी देकर आईजीआईएमएस में दिखाने के लिए रेफर किया। 26 अप्रैल को बंदी को आइजीआइएमएस पटना में दिखाया गया। जहां विभिन्न प्रकार की जांच के बाद उसे 28 अप्रैल को दोबारा लाने को कहा गया। 27 अप्रैल को उसे पटना से झंझारपुर उपकारा लाया जा रहा था। रास्ते में उसकी तबीयत बिगड़ने के बाद जेल प्रशासन को सूचना दी गई। जेल प्रशासन उसका दूसरा पत्र निर्गत कर उसे रास्ते से ही मधुबनी सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सदर अस्पताल मधुबनी पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसकी मौत हो गई । जेल अधीक्षक ने बताया की उम्र ज्यादा थी। बीमारी गंभीर था। हर संभव प्रयास किया गया। अंततः उसे बचाया न जा सका। वह सेशन ट्रायल 173 /95 के केस में हाई कोर्ट से बेल रिजेक्ट होने के बाद सजा भुगत रहा था। बीमार होने की सूचना उनके परिजन को दी गई थी। उनके पुत्र या अन्य लोग सूचना के बाद भी पटना नहीं गया। मौत के बाद लाश को मधुबनी में पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। प्रावधान के मुताबिक कार्य किये जा रहे हैं।
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