एक दशक से कछुआ चाल में बन रहा हाईवे
नेशनल हाईवे—104 की निर्माण गति से क्षेत्रवासी तबाह हो रहे हैं। पूर्वी चंपारण के चकिया से मधुबनी के नरहिया तक करीब 12 सालों में कार्य पूरा नहीं हो पाया। कछुए की चाल में बन रही सड़क ने कई बाढ़ का दंश...
नेशनल हाईवे—104 की निर्माण गति से क्षेत्रवासी तबाह हो रहे हैं। पूर्वी चंपारण के चकिया से मधुबनी के नरहिया तक करीब 12 सालों में कार्य पूरा नहीं हो पाया। कछुए की चाल में बन रही सड़क ने कई बाढ़ का दंश झेला। प्रखंड क्षेत्र में यह सड़क बासुकी से करबा तक करीब 10 किलोमीटर की दूरी में गुजरी है। इतने लंबे समय के दौरान बार—बार मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च हुए। लेकिन, सड़क दुरुस्त नहीं हुई। एक तरफ से मरम्मत होने और दूसरे तरफ से क्षतिग्रस्त होने का सिलसिला जारी रहा। कई बार सड़क की बदहाली से वाहन दुर्घटना में जख्मी और मौत भी हुई। निर्माण एजेंसी ने बस्तियों में जेसीबी से सड़क किनारे गहरे और लंबे गड्ढे खोद कर छोड़ दिया। बरसात के समय उन गड्ढों में पानी भरने से हमेशा बच्चों व बुजुर्गों को डूबने की संभावना बनी रहती है। दुर्गापट्टी के पास छोटी पुलिया की उंचाई बहुत ही अधिक कर दी गई। उस पर वाहनों को चढ़ने के लिए कीचड़ से निजात नहीं दिलाया गया। कई बार बाइक व अन्य वाहनों को फिसल कर दुर्घनाग्रस्त होते देखा गया है। साहरघाट में धौस नदी पर 50 साल पुराने व जर्जर पुल को बदलने का कार्य नहीं किया गया। बरसात के समय उस पुल पर जल जमाव होने से पुल की मजबूती दिन प्रति दिन कमजोर हो रही है। आम नागरिकों की शिकायतें ठंढ़े बस्ते में पड़ी हुई है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।