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बीडीओ की सामूहिक हड़ताल से प्रखंड का विकास कार्य ठप VIDEO

बिहार ग्रामीण विकास सेवा के पुनर्गठन व वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर जयनगर, लखनौर एवं घोघरडीहा प्रखंड को छोड़कर जिले के 18 प्रखंडों के बीडीओ 01 फरवरी (शुक्रवार) से अनिश्चितकालीन सामुहिक...

हिन्दुस्तान टीम मधुबनीSun, 3 Feb 2019 06:08 PM
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बिहार ग्रामीण विकास सेवा के पुनर्गठन व वेतन विसंगति दूर करने की मांग को लेकर जयनगर, लखनौर एवं घोघरडीहा प्रखंड को छोड़कर जिले के 18 प्रखंडों के बीडीओ 01 फरवरी (शुक्रवार) से अनिश्चितकालीन सामुहिक हड़ताल पर चले गये है। इन तीनां प्रखंडों में पर्यवेक्षिये पदाधिकारी बीडीओ के प्रभार में है। इससे प्रखंड कार्यालयों का काम बाधित हो रहा है। बिहार ग्रामीण सेवा संघ के राज्यव्यापी आवाहन पर हड़ताल पर जाने से बीडीओ कार्यालय में ताला लटका हुआ है। बीडीओ के सामुहिक हड़ताल पर जाने से प्रखंड का सभी काम-काज ठप है। अपने कार्यां के लिए प्रखंड आए लोगों को मायूस होकर वापस जाना पड़ रहा है। खासकर लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान, प्रधानमंत्री आवास योजना का प्रोत्साहन राशि भुगतान मुख्य रूप से प्रभावित है। इसके अलावा समाजिक सुरक्षा पेंसन के अर्न्तगत लाभुकों के आवेदन की स्वीकृति, सात निश्चय योजना एवं चुनाव कार्य भी प्रभावित हो रही है। विदित हो कि मार्च महीनें में लोक सभा निर्वाचन को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी होना संभावित है, ऐसी परिस्थिति में निर्वाचन के कार्य में बाधा आ रही है। बतादें कि सूदूर गांव से देवकी देवी, मनोरमा देवी, सहदेव सदाय सहित अन्य लोगों ने बीडीओ से मिलने प्रखंड कार्यालय आये, इनलोगों के हड़ताल पर रहने से मायूस होकर वापस जाना पड़ा।

खजौली बीडीओ रतन कुमार दास, बिस्फी बीडीओ अहमर अब्दाली, बासोपट्टी बीडीओ मनी कुमार सिंह ने कहा कि 2014 में पदस्थापन के उपरांत बिहार सरकार एवं विभाग उनके सेवा संवर्ग शर्तो व मौलिक अधिकारों को अनदेखी कर रही है। 53वीं से 55वीं बिहार संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में तीन सेवाओं ग्रामीण विकास पदाधिकारी, प्रोवेशन अधिकारी व उत्पाद निरीक्षक का चयन एक ही वेतनमान में हुआ था। लेकिन ग्रामीण विकास पदाधिकारी को छोड़ दोनों पद स्केल-9 वेतनमान में है। सिर्फ बिहार ग्रामीण विकास सेवा के मूल संवर्ग के पद का वेतनमान उन्नयन अभी तक नहीं किया गया है। मनरेगा जैसे महत्वपूर्ण कार्य को विभाग की मूल योजना से अलग रख गया है। बीडीओ के साथ हो रहे मारपीट, जानलेवा हमला, सामुदायिक दंगे आदि में संधारण के लिए उन्हें भेज तो दिया जाता है, लेकिन उनके सुरक्षा के नाम पर एक सुरक्षाकर्मी तक नहीं दी जाती है जो उचित नही ंहै। कई बार इन मांगों को विभाग के स्तर पर रखा गया है पर कोई ठोस पहल नहीं किया गया। उन्होने कहा कि मांगें पूरी होने तक हमलोगों को सामुहिक अनिश्चतकालीन हड़ताल जारी रहेगा।

 

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