मोर पिया भेलै ठकहरवा रे.... गीत पर देर रात झूमे श्रोता
झंझारपुर में शुक्रवार को महाकवि पं.लालदास स्मृति पर्व पर आयोजित कवि सम्मेलन में गायिका जुली झा ने ‘मोर पिया भेलई ठकहरबा रे’ जैसे गीत गाकर दर्शकों का मनोरंजन किया। युवा कवियों ने भी अपनी रचनाओं से...
झंझारपुर। मोर पिया भेलई ठकहरबा रे हमरा ठकिते रहय छै, छोड़ू-छोड़ू छोड़ू ने सैंया भोर भ गेलइ के साथ ही समसामयिक सामा, छठी मैया की गीत आदि प्रस्तुत कर गायिका जुली झा ने दर्शकों का खूब मनोरंजन किया। यह आयोजन शुक्रवार को खड़ौआ के महाकवि पं.लालदास स्मृति पर्व सह जयंती समारोह के तीसरे सत्र में हो रहा था। जिसमे मिथिलांचल के नामचीन कवियों ने हास्य-व्यंग्य व श्रृंगारिक रचनाओं का पाठ कर खूब तालियां बटोरी। कवि नारायण यादव की अध्यक्षता में हुए कवि सम्मेलन की शुरुआत युवा कवि राघव रमण के भगवती गीत हे मां कनि सुनियौ से हुआ।
कवि डा.अनिल ठाकुर के संचालन में दिल्ली से पधारे युवा कवि आनंद दास गौतम ने अपनी रचना आजादी, कन्हैया दास ने मिथिलाक एहि पावन भूमि पर महाकवि, विनय विश्वबंधु ने अपनी गजल दीयाबातीक जकाँ स्नेह अहाँसँ, पंडित शिवकुमार मिश्र ने स्वीकार करू हे संतराज, डॉ सुशील लाल दास दु:ख आबै धैर्य राखू धर्म नहि छोड़ू, समीर दास की हास्य रचना समीर वाणी नहि वसंत केर ताजगी, नहि फगुआक उल्लास ने श्रोताओं का खूब मनोरंजन किया। अक्षय आनंद सन्नी के संचालन में गायक रामकृष्ण झा एंड टीम के द्वारा भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। समीर प्रिया की जोड़ी की सुंदर सा भाव नृत्य को दर्शकों ने खूब सराहा। गायिका सोनाली कर्ण, लालबाबू मंडल के गायकी भी पसंद की गई।
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