27 साल बाद योगेंद्र यादव हत्या में 14 दोषी करार
मधुबनी में योगेंद्र यादव हत्या मामले में 27 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है। प्रधान जिला जज अनामिका टी ने 14 आरोपियों को दोषी ठहराया है। इस मामले में 1997 में भूमि विवाद को लेकर हमला किया गया था, जिसमें...
मधुबनी। बहुचर्चित योगेंद्र यादव हत्याकांड में 27 साल बाद आखिरकार कोर्ट का फैसला आया। प्रधान जिला जज अनामिका टी की अदालत ने हत्याकांड में नामजद 14 लोगों को दोषी करार दिया है। बुधवार को जजमेंट पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने मुख्य आरोपित कुशे यादव, जामुन यादव, प्रमोद यादव, चन्दर यादव, महेश यादव, कमल यादव, रघुनी यादव, बौअन यादव, विदेश्वर यादव, कारी यादव, ललित यादव, उत्तीम यादव, सुरेश यादव एवं सूरत यादव को दोषी करार दिया। सभी आरोपित भैरवस्थान थाना क्षेत्र के झौआ गांव का रहने वाला है। अभियोजन की ओर से पीपी मनोज तिवारी ने आरोपितों के खिलाफ अभिलेख पर पर्याप्त साक्ष्य होने का दलील देते हुए उसे कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। हालांकि कोर्ट ने दोषी करार दिए गए आरोपितों की सजा पर सुनवाई के लिए आगामी 29 जनवरी की तिथि मुकर्रर की है। लोक अभियोजक ने बताया कि 5 अगस्त 1997 को भूमि विवाद को लेकर कुशे यादव अन्य आरोपितों के साथ मिलकर लाठी, भाला, फरसा एवं अन्य घातक हथियार से लैस होकर ग्रामीण योगेंद्र यादव पर हमले कर दिए। हमले में जब वह गंभीर रूप से जख्मी हो गए तो ग्रामीण उन्हें अस्पताल ले जा रहे थे तो रास्ते में रोककर पून: उसपर हमले कर दिया। बेरहमी से पीट-पीटकर मौके पर ही उसकी हत्या कर दी गई। अस्पताल ले जा रहे कई लोग जख्मी हो गए। घटना को लेकर नागेश्वर यादव के बयान पर पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ थाना में केस दर्ज किया था। कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस की कड़ी सुरक्षा में दोषी करार दिए गए लोगों को जेल भेजा गया। आरोपित जैसे ही कोर्ट से बाहर निकले उनके परिजनों में हड़कंप मच गया। वहीं पीड़ित परिवार के लोगों ने कोर्ट के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें कोर्ट पर पूरा भरोसा था। लंबे अरसे बाद उन्हें न्याय मिला।
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