Hindi NewsBihar NewsMadhubani NewsChallenges Faced by Saw Mill Operators in Madhubani Economic Struggles and Administrative Issues

जांच के नाम पर उगाही का डर घटती मांग ने तोड़ दी कमर

मधुबनी में लगभग 10 आरा मिलें चल रही हैं, जिनसे 500 से अधिक परिवारों का जीवनयापन होता है। लकड़ी की मांग में कमी, कच्चे माल की कमी, और प्रशासनिक सख्ती के कारण मिल संचालकों को कई समस्याओं का सामना करना पड़...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीThu, 20 Feb 2025 05:36 PM
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जांच के नाम पर उगाही का डर घटती मांग ने तोड़ दी कमर

मधुबनी। नगर निगम क्षेत्र में लगभग 10 आरा मिलें चल रही हैं। इससे सैकड़ों लोगों का जीवनयापन हो रहा है। इन मिलों से जुड़े संचालकों व मजदूरों के परिवारों का भरण-पोषण इस व्यवसाय पर निर्भर है। अनुमान के मुताबिक, 500 से अधिक परिवारों का गुजारा इन मिलों से होता है। कच्चे माल की कमी व प्रतिस्पद्र्धा के दौर में पिछड़े मिल संचालकों को कई चुनौतियों से जूझना होता है। उनकी चुनौती दोहरे स्तरों पर है। लकड़ी के सामान की मांग में कमी व विभाग व पुलिस की गैरजरूरी सख्ती से उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। मिल संचालकों ने बताया कि पहले आरा मिलें लकड़ी से बने उत्पादों जैसे दरवाजे, खिड़कियां, बेड और अन्य घरेलू सामान बनाने का प्रमुख स्रोत हुआ करती थीं। वर्तमान में लकड़ी की मांग में कमी आई है और मिल संचालक व्यापार का आकार घटाने पर मजबूर हो गए हैं। पहले जहां इन मिलों में बड़ी मात्रा में लकड़ी की कटाई और चिराई होती थी, अब इन मिलों में उत्पादन बहुत कम हो गया है। इससे आरा मिल संचालकों को आर्थिक नुकसान होने के साथ उन मिलों में काम करने वाले मजदूरों व उनके परिवारों का भी संकट बढ़ गया है।

गांवों से लकड़ियां लाने का खर्च भी बढ़ गया है। ट्रैक्टरों का किराया, मजदूरी और परिवहन लागत बढ़ने से आरा मिल संचालकों के लिए व्यापार के खर्च को संतुलित रखना मुश्किल हो गया है। लकड़ी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी ने इन मिलों की संचालन लागत को और बढ़ा दिया है, जिससे आरा मिल संचालकों को अपने उत्पादों की कीमतों में भी इजाफा करना पड़ा है। हालांकि, बढ़ी कीमतों के बावजूद, बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारण ग्राहक आकर्षित नहीं हो पा रहे हैं। यह आर्थिक दबाव आरा मिल संचालकों के लिए कठिनाइयों का कारण बन रहा है, और उनके लिए अपने व्यवसाय को बनाए रखना कठिन होता जा रहा है। इस स्थिति से उबरने के लिए वे सरकार से राहत की उम्मीद कर रहे हैं, ताकि व्यापार को फिर से पटरी पर लाया जा सके।

मिल संचालकों के लिए स्थानीय प्रशासन चुनौती: आरा मिल संचालकों को सरकारी राहत के बावजूद स्थानीय प्रशासन की कार्रवाई से परेशानी हो रही है। सरकार ने करीब 15 से अधिक लकड़ी के ट्रांसपोर्टिंग शुल्क को मुफ्त कर दिया है, जिससे आरा मिल संचालकों को कुछ राहत मिली थी लेकिन प्रशासन वाहनों की चेकिंग व कार्रवाई ने नाम पर व्यापारियों को परेशान कर रहा है। संचालकों का कहना है कि सरकार द्वारा दी गई राहत के बावजूद जब ट्रैक्टरों या अन्य वाहनों से लकड़ी मिल तक परिवहन करके लाया जाता है। उस समय स्थानीय पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन्हें रोककर अतिरिक्त शुल्क और अन्य दस्तावेजों की मांग करते हैं। जिसकी कोई आवश्यकता नहीं रहती है। प्रशासन के इस रवैये से बेवजह परेशान होते हैं। इससे उनका काम भी रुक जाता है। इसके अलावे अतिरिक्त खर्चों का बोझ बढ़ जाता है। संचालकों का कहना है कि इस प्रकार की कार्रवाई से व्यापार में अस्थिरता उत्पन्न हो रही है, जससे उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। प्रस्तुति: शशि चंद्र झा

प्रमाणपत्र का शुल्क ज्यादा, प्रक्रिया जटिल

आरा मिल संचालकों को वर्तमान में पॉल्यूशन डिपार्टमेंट द्वारा सर्टिफिकेट बनाने के लिए दबाव का सामना करना पड़ रहा है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि मिलें प्रदूषण नियंत्रण नियमों का पालन नहीं करतीं, तो उन्हें बंद भी किया जा सकता है। इसके तहत आरा मिल संचालकों से सर्टिफिकेट बनाने की मांग की जा रही है, जो प्रदूषण नियंत्रण के मानकों के अनुसार है।

संचालकों का कहना है कि यह सर्टिफिकेट प्राप्त करने के लिए उन्हें भारी शुल्क का भुगतान करना पड़ता है और कई जटिल प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। इसके अलावा, उन्हें समय-समय पर विभाग के निरीक्षण का सामना भी करना पड़ता है, जिससे उनका काम प्रभावित होता है। इस रोजगार में आय कम और खर्चें अधिक होने के दबाव के कारण आरा मिल संचालक आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।

बेवजह परेशान करने वालों पर होगी कार्रवाई

सदर डीएसपी राजीव कुमार ने बताया कि जांच के दौरान अगर किसी आरा मिल की लकड़ियों में किसी तरह की कोई गड़बड़ी पायी जाती है तो ही कार्रवाई की जाती है। वह जांच के दौरान अगर लकड़ी से सबंधित कागजात दिखा देते हैं तो उन्हें जाने दिया जाता है। अगर किसी पुलिस द्वारा बिना कारण के परेशान किया जाता है तो वह बतायें, वैसे पुलिस कर्मियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीएसपी ने बताया कि मिल संचालक लकड़ी का परिवहन करते व्यक्त सभी अनिवार्य कागजात लेकर लड़की को भेजें। जिन लकड़ियों पर परिवहन मुफ्त है वैसे लकड़ियों के परिवहन पर उन्हें परेशानी नहीं किया जाएगा।

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