विभूतियों ने सेवा कर्म से बढ़ाया मिथिला का मान
बेनीपट्टी में महाकवि विद्यापति की 674वीं जन्मोत्सव एवं विद्यापति चौक की 37 वें स्थापना दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। सत्यनारायण झा ने कहा कि विद्यापति की रचनाएँ आज भी जीवंत हैं। कार्यक्रम में...
बेनीपट्टी। मैथिली साहित्य के कालजयी रचनाकार थे कवि कोकिल विद्यापति । मिथिला की परंपरागत लोक भाषा से अपनी रचना को अलंकृत करने की परांगता के शिखर को छूने की कला से परिपूर्ण वे अमरत्व को प्राप्त किये। यही वजह है कि आज खेत-खलिहान से लेकर मिथिला विभूतियों के बड़े-बड़े मंच पर उनकी रचना आज भी जीवंत है। महाकवि विद्यापति की 674वीं जन्मोत्सव एवं विद्यापति चौक की 37 वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए अवकाश प्राप्त शिक्षक सत्यनारायण झा ने कही। किसान जागरूकता विकास समिति के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सचिव कुमल कुमार झा ने किया। आगित अतिथियों को पाग डोपटा से सम्मानित किया गया। लोगों ने विद्यापति की प्रतिमा पर माल्यापर्ण करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला। श्री झा ने कहा कि मिथिला में अनेक विभूतियां हुए हैं। पर विद्यापति की लोकप्रियता देश ही नहीं विदेशों में धूम मचा रखी है। इसलिए संस्था आज इस बात की संकल्प लेती है कि विद्यापति की तैल चित्र कम से कम 5 लाख लोगों तक पहुंचाए जाएंगे जिसकी आज शुरूआत की गई है। इस मौके पर भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य रणधीर ठाकुर, डॉ.बागिशकांत झा, राजद के प्रखंड अध्यक्ष सह वार्ड पार्षद राम बरण राम अशोक कुमार झा, मिहीर कुमार झा, मदन कुमार, परमानंद झा, राकेश कुमार झा, अर्जुन झा, अवधेश कुमार झा, प्रकाश झा, चंदन झा, कुंदन झा, लोकेश कुमार झा,राधेश्याम झा, सिया राम मिश्र, नारायण ठाकुर, अशोक झा, चंद्र भूषण ठाकुर, श्रवण कुमार झा, नीरज झा, हिमांशु झा, आदर्श झा ,श्रीमन झा आदि उपस्थित थे।
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