42 वर्ष बाद भी बेनीपट्टी में नहीं बन सका बस स्टैंड
बेनीपट्टी अनुमंडल का स्थाई बस पड़ाव 42 वर्षों बाद भी नहीं बन पाया है। यहां यात्री और टूरिस्ट बसों की संख्या अधिक है, लेकिन स्थायी बस पड़ाव की कमी के कारण यातायात जाम की समस्याएं आम हो गई हैं। नगर पंचायत...
बेनीपट्टी। बेनीपट्टी का अनुमंडल बने 42 वर्षों बाद भी यहां स्थाई बस पड़ाव नहीं है। भारत नेपाल सीमा से सटे अनुमंडल मुख्यालय से देश के विभिन्न शहरों के संपर्क के लिए प्रतिदिन दर्जनों यात्री एवं टूरिस्ट बसें मुख्यालय से गुजरती है। कई कंपनी की बसों की बुकिंग काउंटर यहां कार्यरत है। बावजूद स्थायी बस पड़ाव नहीं बनाया जा सका है। मुख्य सड़क किनारे बसों के लगने से यात्रियों के साथ सड़क जाम की समस्याएं भी आम हो गई है। स्थाई बस पड़ाव की मांग को लेकर कई सामाजिक संगठन एवं स्थानीय राजनीतिक कार्यकर्ताओं के आंदोलन को देखते हुए वर्ष 2013 में पहली बार एसडीओ मिथिलेश मिश्र ने पहल शुरू की। तत्कालीन सीओ पुर्णेन्द्र कुमार सिंह ने संसार पोखरा के निकट जमीन चयन कर एसडीएम की उपस्थिति में सीमांकन किया गया था। चयनित जमीन पर मिट्टी भराई एवं अस्थाई शौचालय का निर्माण किया गया। बस संचालकों से वार्ता कर बस का लगना भी शुरू हो गया। इसी बीच एसडीएम का दबादला हो गया। उनके जाते ही स्थानीय लोगों ने उक्त जमीन पर अपना दावा कर जमीन को अपने कब्जे में लेने लगा। इसके बाद प्रशासन आज तक मूक दर्शक बन देख रही है। 2018 में परिवहन विभाग के सौजन्य से यहां यात्रि शेड का भी निर्माण कराया गया है।
जनकल्याण मंच के सचिव योगीनाथ मिश्र ने बताया बेनीपट्टी अब नगर पंचायत हो गया है। बस पड़ाव का जिम्मा अब नगर पंचायत के अधीन है। यदि शीघ्र इसका समाधान नहीं निकाला गया तो मंच के बैनर तले आंदोलन किया जाएगा।
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी गौतम आनंद ने बताया कि स्थायी बस पड़ाव के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए अंचल से आग्रह किया गया है। जमीन उपलब्ध कराते ही समस्या का निदान कर लिया जाएगा।
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