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बाला पेंटिंग बच्चों को कर रही आकर्षित, बढ़ी उपस्थिति

बेनिपट्टी में लॉकडाउन के दौरान शुरू की गई बाला पेंटिंग ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण बदलाव लाया है। इस प्रयोग से बच्चों की उपस्थिति और शैक्षणिक स्तर में सुधार हुआ है। स्कूल की दीवारों पर आकर्षक...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीTue, 14 Jan 2025 11:03 PM
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बेनीपट्टी। बाला पेंटिंग(बिल्डिंग एज लर्निंग एड) शिक्षा विभाग के लिए लॉकडाउन में किया गया एक ऐसा प्रयोग है जो उपयोगी बन गयी है। खेल-खेल में बच्चों को शिक्षित करने का यह प्रयोग आज मॉडल बन चुका है। स्कूल की दीवारों पर बनाई जाने वाली ऐसी पेंटिंग है, जिससे बच्चों को पढ़ने एवं पढ़ाने में मदद मिलने के साथ ही बच्चे आकर्षित होकर स्कूल आने के लिए उत्साहित हो रहे हैं। जिससे बच्चों की उपस्थिति एवं शैक्षणिक स्तर में काफी सुधार हुआ है। दीवारों पर उकेरी गई इस पेंटिंग को देखकर बच्चे लिखना-पढ़ना सीख रहे हैं। शिक्षा विभाग ने इस प्रयोग को सभी विद्यालयों में उपयोग में लाया है। उत्क्रमित मध्य विद्यालय दहिला, बेनीपट्टी में दीवारों पर पेंटिंग के माध्यम से चित्र उकेर रहे कलाकारों ने बताया कि चित्रों को सजीव बनाये जाने का प्रयास किया जाता है ताकि बच्चों को समझने में परेशानी नहीं हो। विद्यालय के प्रधानाचार्य घनश्याम महतो एवं इंटर के प्राचार्य नूर मोहम्मद ने बताया कि विद्यालय मे भवनों की कमी से वर्ग संचालन में काफी परेशानी हो रही है। वर्ग एक से 12 तक में कुल 334 छात्र-छात्राएं हैं। 15 शिक्षक-शिक्षिकाएं हैं। कुल 9 कमरे हैं जिसमें एक में कार्यालय चलता है। स्थानीय एक प्रबुद्ध ने विद्यालय कक्ष के लिए 6 कठ्ठा 12 धुर जमीन देने का वायदा कर जमीन की नापी के लिए डीएम को आवेदन दिया है। डीएम ने सीओ को जमीन की सीमांकन का निर्देश दिया है जिसका पालन नहीं किया जा रहा है। विद्यालय प्रबंध समिति के सदस्यों ने बताया कि इस संबन्ध में स्थानीय विधायक से एच्छिक कोष से विद्यालय की चाहरदीवारी एवं गेट निर्माण के लिए एक स्मार पत्र दिया गया है।

लॉकडाउन के समय से बाला पेंटिंग की हुई शुरुआत

बीईओ इशरार अहमद ने बताया कि लॉकडाउन में विद्यालय बंद रहने से बच्चों का स्कूल आने पर बंदिश लगी थी। पर शिक्षकों को स्कूल आना था। इस दौरान शिक्षक-शिक्षिकाओं ने समय का सदुपयोग कर विषयवस्तु को ध्यान में रखते हुए दीवार पेंटिंग शुरू किया था। स्कूल खुलने के बाद बच्चों को पढ़ाने में यह दीवार पर बने चित्र काफी सहायक बनी। जो शिक्षा विभाग के लिए प्रेरणादायक बन गया और विभाग ने अब इसे सभी स्कूलों में बाला पेंटिंग करने का निर्देश दे रखा है।

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