Hindi Newsबिहार न्यूज़मधुबनीArchaeological Survey Uncovers Ancient Civilization in Isahpur Village Madhubani

इसहपुर में दबा है प्राचीन सभ्यता का इतिहास

मधुबनी के पंडौल प्रखंड के इसहपुर गांव में पुरातत्व सर्वेक्षण टीम ने प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेषों की खोज की। खुदाई में ईंट, सिक्का और मिट्टी के बर्तन मिले हैं, जो एक हजार से डेढ़ हजार वर्ष पुरानी...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधुबनीSat, 23 Nov 2024 01:11 AM
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मधुबनी, हिन्दुस्तान टीम। शहर से सटे पंडौल प्रखंड के इसहपुर गांव में प्राचीन नगर सभ्यता के सर्वेक्षण करने के लिए संग्रहालय पटना की दो सदस्यीय टीम नीरज कुमार और शुलक्षण कुमारी शुक्रवार को इसहपुर पहुंची। टीम के दोनों सदस्यों ने इसहपुर गांव में प्राचीन मृतप्राय अमरावती नदी के आसपास खुदाई में मिले ईंट, पत्थर, सिक्का, जात, मिट्टी का घड़ा आदि वस्तुओं को देखा। ग्रामीण आनंद कुमार झा, हर्ष नाथ झा, पंकज कुमार सहित कई लोगों ने यहां प्राचीन नगर सभ्यता का इतिहास होने की बाते कही। इसके लिए खुदाई जरूरी बताया। ग्रामीणों ने टीम के सदस्यों को बताया कि जब भी यहां मिट्टी खुदाई लोग करते हैं कुछ न कुछ मिलते रहता है। टीम के दोनों सदस्यों ने करीब एक घंटे तक इसहपुर गांव में रह कर पुरातत्व से जुड़े चीजों का मुआयना किया। टीम के सदस्यों ने कुछ भी बताने से इंकार किया। सिर्फ इतना कहा कि वे लोग यहां उत्खनन के लिए पुरातत्व विभाग को अपनी रिपोर्ट भेजेंगे। ग्रामीणों के अनुसार ईसहपुर गांव में प्राचीन सभ्यता का अवशेष है। वहां खुदाई में प्राप्त ईंट एक हजार से डेढ़ हजार वर्ष के बीच नगर सभ्यता में प्रयुक्त होता था। वहां से प्राप्त सिक्का पर लिपि देवनागरी है। वहां के धरोहर नष्ट हो रहे हैं। जिलाधिकारी एकबार वहां गये थे। लेकिन अभी तक उसकी खुदाई व संरक्षण को लेकर कोई पहल नहीं की गई है।

ईसहपुर में खुदाई में लगातार मिलते रहे है प्राचीन नगर सभ्यता के इतिहास: ईसहपुर गांव में खुदाई के दौरान लगातार प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिलते रहे हैं। गांव में पिछले दिनों सड़क निर्माण को लेकर काटी गई मिट्टी के अंदर ईंट , मिट्टी के बर्तन, ईंट व मिट्टी के दीप मिल थे। वहीं करीब एक साल पूर्व ग्रामीणों द्वारा खुदाई के दौरान मिट्टी के बर्तन के साथ धातु के सिक्के भी मिले थे। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना पंडौल थाना, अंचल, जिला प्रशासन के साथ मुख्यमंत्री बिहार को भी दिया था। मिट्टी खुदाई से जहां मिट्टी में दबे प्राचीन सभ्यता के अवशेष टूट फूट रहे हैं। बच्चे इसे खिलौना समझकर खेल रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में एक मृतप्राय नदी है। जिसे ग्रामीण अमरावती नदी कहते हैं। नदी का कोई अस्तित्व नहीं बचा है। लोग उसमें खेतीबारी के साथ तालाब भी बना लिए हैं। जिसमें आए दिन खुदाई के दौरान प्राचीन नगर सभ्यता के अवशेष मिलते रहते हैं। अभीतक ग्रामीणों को खुदाई में ईंट का मोटा दीवार, मटका, जात, सिक्का व पूजापाठ के सामान सहित कई चीजे मिल चुकी है। ग्रामीण इसे एक हजार साल से अधिक पुराना होने का दावा कर रहे है।

गुप्त और कुषाण काल से संबंधित हैं ये अवशेष

मधुबनी। स्थानीय जेएमडीपीएल महिला कालेज में प्राचीन इतिहास विभाग के अवकाशप्राप्त विभागाध्यक्ष डा. चन्द्रगुप्त कुमार शर्मा ने बताया कि पंडौल प्रखंड के ईसहपुर गांव में खुदाई में प्राप्त प्राचीन अवशेष संभवत: प्रथम शताब्दी ई. से चौथी सदी ई. के बीच का प्राचीन मृदमांड दिखते है। वास्तविक जानकारी स्थल निरीक्षण के बाद सर्वे टीम को ज्ञात होगा। वास्तविक कालखंड की जानकारी स्थल निरीक्षण से पता चलेगा। प्रथम दृष्टया यही लगता है कि गुप्त और कुषाण काल से संबंधित ये मृदमांड दिखते हैं। इतना स्पष्ट है कि ये बर्तन उस काल के हैं जब मानव चाक पर बर्तन बनाने से अवगत थे। इस संस्कृति के लोग चाक कला से पूर्णत: अवगत थे और बड़े पैमाने पर चाक निर्मित बर्तन इस काल में मिलते हैं। इन प्राचीन धरोहरों का स्थानीय स्तर पर संरक्षण की जरूरी है। ताकि नई पीढ़ी अपने प्राचीन संस्कृति से अवगत हो सके।

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