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बीएन मंडल विश्वविद्यालय में सेवानिवृति से कम हो रही शिक्षक व कर्मचारियों की संख्या

मधेपुरा के भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी गंभीर हो गई है। 2024 के अंत तक 62 शिक्षक और 2025 में 28 और शिक्षक सेवानिवृत होंगे। इससे शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराMon, 6 Jan 2025 01:10 AM
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मधेपुरा निज प्रतिनिधि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय, मधेपुरा में छात्र के अनुपात में शिक्षकों की शुरू से ही कमी रही है। 2024 के अंत तक 62 शिक्षक और 30 कर्मचारी सेवानिवृत हुए हैं। 2025 के अंत तक करीब 28 शिक्षक सेवानिवृत हो जाएंगे। शिक्षकों की सेवानिवृति से इसकी संख्या और कम हो रही है। पांच साल पहले करीब एक सौ शिक्षकों की नियुक्ति बीपीएससी से हुई थी। इसके बाद बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग से कई विषयों में शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। कुछ विषयों में नियुक्ति होना बांकी है। इसके बावजूद आवंटित पद के अनुरूप शिक्षकों की संख्या काफी कम है। इस कारण सिलेबस पूरा करने में परेशानी हो रही है। जितने शिक्षकों की नियुक्ति 2017 से अब तक हुई है उससे अधिक सेवानिवृत भी चुके हैं। शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए अतिथि सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति होना जरूरी है। विश्वविद्यालय द्वारा छह महीने पहले करीब चार सौ अतिथि शिक्षकों की बहाली के लिए वेकैंसी निकाली गयी थी। लेकिन अब तक उनकी नियुक्ति प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है। ऐसे में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में पठन-पाठन पर प्रतिकुल असर पर रहा है। हालांकि कुलसचिव डॉ. बिपीन कुमार राय ने बताया कि गेस्ट टीचर की बहाली प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। जल्द ही इसे पूरा कर योगदान कराया जाएगा। स्थिति यह है कि कई कॉलेजों में किसी-किसी विषय में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं हैं। विश्वविद्यालय के स्थापना को तीन दशक हो चुके हैं, अब भी शिक्षकों की पर्याप्त संख्या बहाल नहीं हो पाई है। शिक्षकों की कमी के कारण यूजीसी गाइड लाइन के अनुसार छात्र शिक्षक का अनुपात पूरा नहीं हो रहा है।

शिक्षकों की कमी शैक्षणिक गतिविधियों पर पड़ रहा है असरः बीएनएमयू में पुराने शिक्षकों के सेवानिवृति का सिलसिला चल रहा है। लगभग हर वर्ष 40 से 70 शिक्षक सेवानिवृत हो रहे हैं। इधर कई शिक्षकों के सेवानिवृत्त हो जाने से शैक्षणिक गतिविधि, माहौल, पठन पाठन आदि पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है। स्टूडेंट्स का क्लास नियमित रूप से होने में कठिनाई हो रही है। विश्वविद्यालय व कॉलेज के कैम्पस पर बुरा असर पड़ रहा है।

बीते दिसंबर तक करीब 62 शिक्षक हुए सेवानिवृत्तः बीएनएमयू में 2024 के दिसंबर तक करीब 62 शिक्षकों का कार्यकाल पूरा हो गया। वे सेवानिवृत भी हो गए। उप कुलसचिव स्थापना डॉ. विवेक कुमार ने बताया कि अगले साल करीब 28 शिक्षक और 34 कर्मचारी सेवानिवृत हो जाएंगे। 2024 के अंत तक सेवानिवृत होने वाले शिक्षकों में बीएनएमवी कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. अरविंद कुमार, एआईएच के एचओडी डॉ. ललन प्रसाद अद्री, केमिस्ट्री के डॉ. अशोक कुमार यादव, पूर्व परीक्षा नियंत्रक डॉ. नवीन कुमार, महाविद्यालय निरीक्षक डॉ. भूपेंद्र सिंह, डॉ. गोपल प्रसाद सिंह, मैथिली के डॉ. विमल कुमार सिंह, एनएसएस समन्वयक डॉ. अभय कुमार, गणित के डॉ. मनोज कुमार मनोरंजन सहित 62 शिक्षक सेवानिवृत हुए हैं।

गेस्ट फैकल्टी की बहाली की उठने लगी मांगः बीएनएमयू में कई सालों से पर्याप्त संख्या में शिक्षकों की कमी रही है। शिक्षा विभाग बहाली करती भी है तो रिक्त सीटों के अनुरूप बहाली नहीं हो रही है। इस बीच छात्र बिना पढ़े ही डिग्री हासिल करने को विवश होते हैं। छात्र, अभिभावकों ने विवि और कॉलेजों में शैक्षणिक वातावरण को सुदृढ़ करने के लिए गेस्ट शिक्षकों की बहाली करने की मांग उठने लगी है। उनका कहना है कि क्लास में छात्रों को परेशानी नहीं हो इसके लिए गेस्ट फैकल्टी की बहाली अविलंब विश्वविद्यालय को करना चाहिए। जबकि विश्वविद्यालय ने करीब छह महीने पूर्व ही गेस्ट टीचर की बहाली के लिए आवेदन लिया है। गेस्ट टीचर की बहाली नहीं होने से पठन पाठन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है।

कोट

शिक्षक- छात्र के अनुपात और जो सीट स्वीकृत है उसमे शेष पदों का मूल्यांकन किया जा जा रहा है। रिक्त सीटों पर जरूरत पड़ी तो बहाली की जाएगी।

प्रो. बिपिन कुमार राय, कुलसचिव, बीएनएमयू, मधेपुरा

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