आरक्षित टिकट पाने को स्टेशन पर सोने की विवशता
मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर तत्काल कोटा से रिजर्वेशन टिकट कटाना आसान नहीं है। यात्रियों को रात भर स्टेशन पर रहकर टिकट के लिए संघर्ष करना पड़ता है। केवल एक शिफ्ट में टिकट काउंटर खुलता है और अक्सर एक या दो...
मधेपुरा, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि।मधेपुरा रेलवे स्टेशन से तत्काल कोटा से रिजर्वेशन टिकट कटाना आसान नहीं है। विभिन्न एक्सप्रेस ट्रेनों में खासकर तत्काल कोटा से रिजर्वेशन टिकट कटाने के लिए लोगों को देर रात ही स्टेशन पहुंचने की विवशता होती है। दूर-दराज से आने वाले लोगों को तत्काल टिकट के लिए टिकट काउंटर के पास ही रात काटनी पड़ती है। लंबी दूरी की ट्रेनों से यात्रा करने के लिए तत्काल कोटा से रिजर्वेशन टिकट कटाने के लिए देर रात से ही परेशान होना पड़ता है। टिकट कटाने के लिए लगाए जाने वाले पर्ची में पहले स्थान पर रहने के लिए लोगों को कड़ाके की ठंड में स्टेशन पर ही रात गुजारनी पड़ती है। गौरतलब है कि मधेपुरा रेलवे स्टेशन पर मात्र एक शिफ्ट में ही कम्प्यूरीकृत रिजर्वेशन टिकट कटाने की सुविधा है। लगातार मांग किए जाने के बाद भी दोनों शिफ्ट में रिजर्वेशन टिकट कटाने की सुविधा बहाल नहीं की जा सकी है। यहां एक शिफ्ट में सुबह आठ बजे से दो बजे दिन तक ही रिजर्वेशन काउंटर खुला रहता है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि रेलवे टिकट काउंटर खुलने पर तत्काल कोटा से एक या दो टिकट ही कट पाता है। यात्रियों का कहना है कि टिकट काउंटर के स्टॉफ की लेटलतीफी रफ्तार से काम करने के कारण रात भर स्टेशन पर ठहरने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाता है। एकमात्र रिजर्वेशन काउंटर रहने महिला यात्रियों को टिकट कटाने के लिए परेशान होना पड़ता है। स्टेशन अधीक्षक जीवन प्रकाश के अनुसार मधेपुरा स्टेशन से रिजर्वेशन मद में हर दिन लगभग एक लाख रुपए का राजस्व प्राप्त होता है। जबकि लगभग 60 से 70 टिकट हर दिन कट जाता है।
पर्ची लगाने की रेलवे को करनी चाहिए व्यवस्था ::::::::
मठाही वार्ड तीन निवासी रोहित कुमार का कहना है कि स्टेशन पर तत्काल टिकट कटाने के लिए यात्रियों को कतारबद्ध कराने के लिए रेलवे पुलिस की व्यवस्था होनी चाहिए।
सुखासन वार्ड दो निवासी सुदर्शन कुमार ने कहा कि रेलवे की ओर से तत्काल टिकट कटाने वाले लोगों से पर्ची लेकर लाइन लगाने की व्यवस्था होनी चाहिए। ऐसा करने से लोगों को रात भर स्टेशन पर रहकर परेशान नहीं होना पड़ेगा।
बालमगढ़िया निवासी प्रमोद कुमार का कहना है कि रिजर्वेशन काउंटर पर पूर्व से लगाए गए पर्ची के अनुसार टिकट उपलब्ध कराने के लिए रेलवे के अधिकारियों को कारगर व्यवस्था करनी चाहिए।
बुधमा निवासी नवीन कुमार का कहना है कि वेटिंग रूम नहीं रहने के कारण काउंटर के बाहर पर्ची लगाकर वहीं नीचे फर्श पर सोना पड़ता है। इस दौरान रात में जूता-चप्पल और मोबाइल फोन गायब हो जाता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।