Hindi NewsBihar NewsMadhepura NewsMassive Crowd Attends Nine-Kundiya Shri Vishnu Mahayagya in Singheswar with Enthralling Krishna Birth Story

श्रीकृष्ण लीला सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए

सिंहेश्वर के राधा कृष्ण मंदिर में नौ कुण्डीय श्रीविष्णु महायज्ञ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। कथावाचक ने भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की कथा सुनाई, जिसमें कंस के अत्याचार और भगवान कृष्ण द्वारा...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराSat, 18 Jan 2025 01:59 AM
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सिंहेश्वर ।‌ निज संवाददाता प्रखंड क्षेत्र के राधा कृष्ण मंदिर सतोखर लालपट्टी में नौ कुण्डीय श्रीविष्णु महायज्ञ में श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु की भारी भीड़ उमड़ रही है। लोग कथा सुनकर भगवान की भक्ति का आनंद ले रहे है। कथावाचक ने गुरुवार को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रसंग बेहद संजीदगी के साथ सुनाया। उन्होंने कहा कि जब अत्याचारी कंस के पापों से धरती डोलने लगी, तो भगवान कृष्ण को अवतरित होना पड़ा। सात संतानों के बाद जब देवकी गर्भवती हुई, तो उसे अपनी इस संतान की मृत्यु का भय सता रहा था। भगवान की लीला वे स्वंय ही समझ सकते हैं। भगवान कृष्ण के जन्म लेते ही जेल के सभी बंधन टूट गए और भगवान श्री कृष्ण गोकुल पहुंच गए। कथा का संगीतमय वर्णन सुन श्रद्धालुगण झूमने लगे। छठे दिन गुरुवार को श्रीमद्भागवत कथा में श्रोताओं की भीड़ श्रीकृष्ण लीला सुन श्रोता मंत्रमुग्ध हो गए। कथा वाचिका पूजा द्विवेदी ने कथा श्रवण करते कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर कंस उनकी मृत्यु के लिए राज्य की सबसे बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। राक्षसी पूतना भेष बदलकर भगवान कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु भगवान उसका वध कर देते हैं।

::श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठा कर इंद्र का घमंड किया चकनाचूर::

इसी प्रकार कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन कार्यक्रम की तैयारी करते हैं, परंतु भगवान कृष्ण उनको इंद्र की पूजा करने से मना कर देते हैं और गोवर्धन की पूजा करने के लिए कहते हैं। यह बात सुनकर भगवान इंद्र नाराज हो जाते हैं और गोकुल को बहाने के लिए भारी वर्षा करते हैं। इसे देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देखकर भगवान कृष्ण कनिष्ठ अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी लोगों को उसके नीचे छिपा लेते हैं। भगवान द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाकर लोगों को बचाने से इंद्र का घमंड चकनाचूर हो गया। मथुरा को कंस के आतंक से बचाने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने कंस का वध किया। मौके पर कैलाश ठाकुर उर्फ कैलाश बाबा, बाला जी बाबा, प्रदीप कुमार सर्वणकार,अनिल कुमार, गोपाल यादव, खगेश यादव, प्रभु यादव, दीप नारायण, सुनील यादव,अशोक तिवारी, राजीव, अमित, संजय, संजीव, शरद, नीरज सहित अन्य मौजूद थे।

:देवकी वासुदेव के आठवें संतान के रूप में हुआ गोपाल का जन्म:

भगवान श्री कृष्ण की जन्म कथा सुनाते हुए कहा कि बाल गोपाल का जन्म देवकी और वासुदेव के आठवें संतान के रूप में हुआ था। देवकी और वासुदेव के अर्थ समझाते हुए कहा कि देवकी यानी देवताओं की होकर जीवन जीती हैं। वासुदेव की अर्थ है,जिसमें देव तत्व की वास हो। ऐसे व्यक्ति जिसे विपरीत परिस्थितियों की बेड़ियों में भी क्यों न जकड़े हो,भगवान को खोजने के लिए उन्हें कही जाना नहीं पड़ता हैं। बल्कि भगवान स्वयं आकर उसकी सारी बेड़ी-हथकड़ी को काटकर उसे संसार सागर से मुक्त कर दिया करते हैं। पंडित पूजा ने कहा आठवें संतान के रूप में भगवान श्री कृष्ण का अवतार होता हैं। जिसके जीवन मे भगवान श्री कृष्ण की भक्ति आ गई तो ऐसा समझना चाहिए कि जीवन सफल हो गया। श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के मौके पर प्रस्तुत भजनों पर श्रद्धालु झूमते रहे।

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