Hindi NewsBihar NewsMadhepura NewsLack of Sports Facilities and Training at Bhupendra Narayan Mandal University

इंटर यूनिवर्सिटी और ईस्ट जोन प्रतियोगिता में कैसे अपनी प्रतिभा को दिखा सकेंगे खिलाड़ी

भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में खेल गतिविधियों में कमी और खिलाड़ियों के लिए सुविधाओं का अभाव है। कॉलेजों में आवश्यक उपकरणों की कमी, प्रशिक्षित पीटीआई की अनुपस्थिति और उचित अभ्यास की व्यवस्था...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराMon, 23 Dec 2024 12:47 AM
share Share
Follow Us on

मधेपुरा निज प्रतिनिधि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में हाल के समय में खेल कूद गतिविधियों में सक्रियता नहीं है लेकिन खिलाड़ियों की सुविधा पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में खिलाड़ियों को बुनियादी सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो रहा है। जिस कारण खिलाड़ियों को अपने खेल की महत्वपूर्ण टिप्स या समुचित अभ्यास का मौका नहीं मिल रहा है। कॉलेज स्तर पर विभिन्न खेलों के लिए उपकरण की कमी है। अगर किसी किसी कॉलेज में है भी तो वह कॉलेज के स्टोर की शोभा बढ़ा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अंगीभूत कॉलेजों में एक मात्र कॉलेज में स्थाई पीटीआई नियुक्त है। शेष कॉलेजों में अनट्रेंड लोगों को या सेवानिवृत को पीटीआई का प्रभार सौंप कर काम चलाया जा रहा है। अधिकांश कॉलेजों में खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास भी नहीं कराया जाता है। खिलाड़ी अपने दम पर या अपने स्तर से अभ्यास करने को विवश होते हैं। विश्वविद्यालय में हाल में ही इंटर कॉलेज खेल कूद प्रतियोगिता के सभी विधाओं का समापन हुआ है। इन खेलों में चयनित खिलाड़ी को ईस्ट जोन या इंटर यूनिवर्सिटी खेलने के लिए भेजा जाएगा। लेकिन इससे पहले चयनित खिलाड़ियों को कुशल बनाने के लिए विश्वविद्यालय में कोई विशेष सुविधा नहीं है। हालांकि क्रीड़ा एवम सांस्कृतिक परिषद के संयुक्त सचिव डॉ. जैनेंद्र कुमार ने कहा कि खिलाड़ियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। कुछ खेलों के लिए तीनों जिले में व्यवस्था की जा रही है। कुलपति प्रो. बीएस झा ने भी खिलाड़ियों को मेडल लाने पर नौकरी मिलने की बात कह कर प्रोत्साहित कर रहे हैं। सवाल उठता है कि बिना बेहतर प्रशिक्षण के खिलाड़ी ईस्ट जोन या इंटर यूनिवर्सिटी खेल में कितना सफल हो पाएगा। कई खेल प्रेमियों का कहना है कि कोसी क्षेत्र में विभिन्न विधाओं के खिलाड़ियों में प्रतिभा की कमी नहीं है। लेकिन उनकी प्रतिभा को और आगे बढ़ाने के लिए विश्वविद्यालय या कॉलेज प्रशासन सक्रिय भूमिका नहीं निभा रही है।

अब तक नहीं बना सिल्वर जुबली स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स: बीएनएमयू के स्थापना के 25 वर्ष पूरे होने पर 2017-2018 में ही नॉर्थ कैंपस में सिल्वर जुबली स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनाने की बात तत्कालीन कुलपति डॉ. अवध किशोर राय द्वारा कही गई थी। इसके लिए सिंडिकेट और सीनेट में भी व्यापक चर्चा हुई थी। लेकिन अब तक इस दिशा में कोई कारगर पहल नहीं हुई है।

सिंथेटिक ट्रैक का पूरा नहीं हुआ सपना: बीएनएमयू के नॉर्थ कैंपस में खिलाड़ियों के लिए सिंथेटिक ट्रैक बनाने की घोषणा की गई थी। उस दिशा में भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। कई सत्र के खिलाड़ी सिंथेटिक ट्रैक के इंतजार में अपनी पढ़ाई भी पूरी कर चुके हैं। बताया गया था कि खेलो इंडिया से इस विश्वविद्यालय में सिंथेटिक ट्रैक बनेगा। लेकिन अब तक पहल नहीं हुई है।

खेल की तकनीक को जानना खिलाड़ियों के लिए जरूरी: खेल प्रतियोगिता में अपनी प्रतिभा दिखने के लिए खिलाड़ियों को बेहतर तकनीक की जानकारी होना जरूरी है। पीटीआई की कमी के कारण खिलाड़ियों को बेहतर टिप्स नहीं मिल पाता है जिस कारण बड़े प्रतियोगिता में पीछे रह जाते हैं। खिलाड़ियों ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय खेल को बढ़ावा देना चाहती है तो खेल उपकरण और प्रशिक्षित पीटीआई की नियुक्ति जरूरी है।

कोट

बीएनएमयू में खेल को बढ़ावा देने के लिए बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।

डॉ. जैनेंद्र कुमार, संयुक्त सचिव, क्रीड़ा एवम सांस्कृतिक परिषद

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें