कमेटी गठित होने तक डीएम देखेंगे मंदिर का कार्य
सिंहेश्वर में बाबा सिंहेश्वरनाथ मंदिर के संचालन के लिए समिति गठन को लेकर अटकलें खत्म हो गई हैं। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने जिलाधिकारी को अस्थाई न्यासधारी नियुक्त किया है। इससे पहले 11 सदस्यीय...

सिंहेश्वर । निज संवाददाता। बाबा सिंहेश्वरनाथ मंदिर के सूचारु रूप से संचालन के लिए कमेटी गठन को लेकर जारी अटकलों पर तत्काल विराम लग गया है। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक ने पत्र जारी कर कहा कि सिंहेश्वर मंदिर न्यास समिति का गठन नहीं होने तक डीएम मंदिर के सारे कार्यों का निर्वहन करेंगे। बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद (बोर्ड) ने कमेटी भंग रहने की स्थिति में डीएम को न्यास समिति का अस्थाई न्यासधारी बनाया है। मालूम हो कि कि बोर्ड के प्रशासक से इस आशय की मांग स्थानीय लोगों द्वारा मेल के माध्यम से की गई थी। मंदिर के कार्य को सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए तात्कालिक व्यवस्था के तहत जिलाधिकारी को अस्थाई न्यासधारी नियुक्त किए जाने की मांग की थी। बोर्ड को भेजे मेल को सीएम को भी भेजा गया था।
बोर्ड ने डीएम को अस्थाई न्यासधारी नियुक्त करने संबंधी पत्र में बताया है कि 13 दिसंबर 2019 को 11 सदस्यीय कमेटी गठित की गई थी। उस कमेटी का पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा हो चुका है। इधर, पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश के आलोक में कमेटी गठन की प्रक्रिया चल रही है।
कमेटी के कार्यकाल को पूरा हुए तीन महीने हो चुके हैं। बोर्ड और जिला प्रशासन के बीच लगातार पत्राचार ही चल रहा है। बोर्ड के निर्देश एवं पटना उच्च न्यायालय के एक आदेश के आलोक में न्यास समिति के 11 सदस्यों के लिए अखबार में विज्ञापन दिया गया था। उसके आलोक में 45 आवेदन जिला प्रशासन के पास जमा हुआ। उनमें से जिला प्रशासन द्वारा न्यास समिति के पदाधिकारी समेत सदस्यों के लिए 14 नामों को राज्य धार्मिक पर्षद को भेजा था। पर्षद में कई आपत्ति जाने के बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक ने डीएम को पत्र भेजकर आवेदन आए सभी लोगों का आवेदन आपराधिक सत्यापन के साथ मांगा है।
नामों के प्रस्ताव को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने नहीं माना:
जिला प्रशासन द्वारा भेजे गए नामों के प्रस्ताव को बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद ने नहीं माना। बिहार राज्य धार्मिक न्यास के प्रशासक ने डीएम को पत्र भेजकर आपराधिक सत्यापन कराए गए सभी आवेदकों की सूची पुन मांगी है। इससे पहले न्यास समिति के पदाधिकारी समेत कुल 11 सदस्यों के लिए 14 नामों को राज्य धार्मिक पर्षद को भेजा था। पर्षद में कई आपत्ति जाने के बाद बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद के प्रशासक ने डीएम को पत्र भेजकर आपराधिक सत्यापन कराए सभी आवेदकों की सूची मांग दी हैं। पार्षद के इस नए आदेश के बाद अब जिला प्रशासन को अखबार में प्रकाशित विज्ञापन के आलोक में जमा किए सभी 45 आवेदकों का नाम आपराधिक सत्यापन कराकर भेजना होगा।
::धार्मिक बोर्ड को भेजना पड़ेगा सभी आवेदकों के नाम की सूची::
पटना उच्च न्यायालय ने अपने के आदेश में पर्षद को कहा था कि किसी भी मंदिर मठों के न्यास समिति के लिए एसडीओ एवं डीएम विज्ञापन देकर नामों को मांगेंगे। उन सभी नामों का आपराधिक सत्यापन कराने के पश्चात डीएम पर्षद को सभी नाम भेजेंगे। लेकिन इसके जगह जिला पार्षद ने खुद ही चयन समिति बनाकर नामों की स्क्रूटनी करके 45 आवेदकों में से 14 का नाम भेज दिया था। इस पर बिहार राज्य धार्मिक बोर्ड ने कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि सभी आवेदकों के नाम की सूची भेजना है।
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