Hindi Newsबिहार न्यूज़मधेपुराFarmers Struggle as Tube Wells in Ghailaadh Block Become Non-Functional

नलकूप का किसानों को नहीं मिल रहा लाभ

घैलाढ़ संवाद सूत्र प्रखंड क्षेत्र में नलकूपों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। किसानों को सिंचाई की समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी खेती और आमदनी प्रभावित हो रही है। सरकारी योजनाओं के तहत...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराMon, 25 Nov 2024 01:17 AM
share Share

घैलाढ़ संवाद सूत्र प्रखंड क्षेत्र में नलकूप का मिटता अस्तित्व किसानों के लिए चिंता का विषय बनता जा रहा है। सिंचाई के समस्या के कारण इलाके के किसानों की खेती के साथ साथ आमदनी में भी कटौती हो रही है। ऐसा नहीं है कि प्रखंड क्षेत्र में सरकारी योजना के तहत स्टेट बोरिंग स्थापित नहीं है। फिर भी इलाके के किसानों को स्टेट बोरिंग का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रखंड के बरदाहा, हरिया, रतनपुरा, घैलाढ़, आर्रहा, भतरंधा सहित कई जगहों पर लाखों की लागत से स्टेट बोरिंग लगाए गए और कहीं कहीं खेतों में नलकूप भी लगाये गए। उसके बाद भी सरकारी स्टेट बोरिंग की नल से सिंचाई की सुविधा नहीं मिल पा रही है। बहियारो में लगे स्टेट बोरिंग और खेतों में नलकूप जो की किसानों के मुंह चिढ़ाने के काम आ रहे हैं। विभागीय अधिकारी के इस उदासीनता रवैये को लेकर किसान परेशान हैं। अधिकांश जगहों पर विभागीय लापरवाही के कारण रख रखाव के चलते बोरिंग खराब पड़ा हैं। कई जगहों पर बोरिंग की मशीन को जंक खा चुकी है। लिहाजा किसान अपने खेतों की सिंचाई पंपसेट के सहारे करने को विवश हो रहे हैं। मालूम हो की धान रोपनी के बाद तीखी धूप के साथ बरसात नहीं होने के कारण किसान अपने खेतों की पटवन पंपसेट से करने को विवश हो रहे हैं। प्रखंड के अधिकांश नहर में पानी तो छोड़ा गया है लेकिन नहर में केनाल नहीं होने के कारण खेतों में पानी नहीं पहुंच रहा है। पटवन करने के लिए छोटे और मध्यम वर्गीय किसान खेती से होने वाली आमदनी का बड़ा हिस्सा पंपसेट से पटवन करने पर ही खर्च हो जाती है। हैरत की बात तो यह भी है कि स्टेट बोरिंग के आसपास के किसान नलकूप चालू होने की आस में प्रतिवर्ष खेत में फसल तो लगाते हैं लेकिन यदि इंद्र भगवान की कृपा हुई तो फसल उपजता है नहीं तो किसानों को फसल के साथ साथ लागत से हाथ धोना पड़ता है। किसान रामनारायण यादव, नारायण यादव, राजेंद्र यादव, भीम यादव, नागेश्वर यादव, गजेंद्र यादव, सतीश यादव, प्रमोद यादव, ललन यादव, अनिल यादव सहित अन्य ने कहा कि सरकार तो कृषि को बढ़ावा देने की दावा तो करते है लेकिन उपयोगी सामान भी विभागीय लापरवाही के कारण बेकार पड़ा है। किसान की हित की बात करने वाले लोग किसानों की पीड़ा को महसूस नहीं करते हैं।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें