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वर्षों से नहर में पानी नहीं, सिंचाई की समस्या गंभीर

मुरलीगंज प्रखंड में जोरगामा, रामपुर और गंगापुर पंचायतों से गुजरने वाली नहरों में लगभग 30 वर्षों से जलापूर्ति नहीं हुई है। किसानों को सिंचाई के लिए अन्य संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। सिंचाई विभाग...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराSat, 18 Jan 2025 02:01 AM
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मुरलीगंज निज प्रतिनिधि प्रखंड क्षेत्र से गुजरने वाली नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से इलाके के किसानों के समक्ष सिंचाई की समस्या गंभीर बनी हुई है। प्रखंड के जोरगामा, रामपुर और गंगापुर पंचायत से गुजरने वाली उपवितरणी में सिंचाई के लिए पानी नहीं छोड़े जाने से किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। नहर से सटे खेतो में किसानो को अन्य संसाधनो का उपयोग कर फसल की सिंचाई करने की विवशता बनी हुई है। सिंचाई विभाग की उदासीनता के कारण लगभग तीन दशक से जोरगामा, रामपुर, गंगापुर नहर में पानी नहीं पहुंच पाया है। इतना हीं नहीं जगह-जगह नहर के तटबंधों पर लोगों ने अवैध कब्जा जमा रखा है। विभागीय अनदेखी के कारण अतिक्रमणकारी बेखौफ होकर तटबंध और बाहरी भूभाग के साथ नहर के अंदर वाले भाग में कई जगह कब्जा कर लिया है। जोरगामा, रामपुर और गंगापुर के बीच उपवितरणी की मनरेगा से कई बार सफाई कार्य भी कराया गया। लेकिन सफाई होने का लाभ आज तक किसानों को नही मिल पाया है। नहर व्यवस्थित नहीं होने के कारण जलापूर्ति नहीं हो पा रही है। लिहाजा आस पास के हजारों हेक्टेयर खेतो में सिंचाई की गंभीर समस्या बनी हुई है। किसानो को पंपसेट, बिजली मोटर के सहारे रबी फसल की सिंचाई करने की विवशता बनी हुई है। नहर में जलापूर्ति नही होने से जोरगामा, मीरगंज, रामपुर, खुशरूपट्टी, गंगापुर, हनुमानपट्टी के किसानों की खेती प्रभावित होती है।

लगभग तीस साल से सूखा पड़ा है नहर

मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत जोरगामा, रामपुर, गंगापुर पंचायत होकर गुजरने वाली उपवितरणी नहर में दशकों से जलापूर्ति नहीं हुई है। नहर में पानी नही आने से खासकर छोटे और मध्यम वर्गीय किसानो को हर साल आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है। किसानो का आरोप है कि लगभग तीस वर्षो से नहर सूखा पड़ा है। किसान डीजल पंप सेट, बिजली मोटर से फसल सिंचाई करने को निर्भर होते हैं। छोटे व मध्यम वर्गीय किसानो को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ती है। किसानों का आरोप है कि मनरेगा योजना के तहत नहर सफाई के नाम पर सरकारी राशि का बंदरबांट कर लिया जाता है। लेकिन नहर में जलापूर्ति नहीं हो पाती है। सिंचाई विभाग की उदासीन रवैए के कारण आज तक नहर सूखा पड़ा है। किसान ओमप्रकाश अप्पू, राजेश यादव, शंकर साह, नारायण यादव, देवराज कुमार आदि ने प्रशासन से नहर में जलापूर्ति कराने की मांग की है।

सिंचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता उवेदुर रहमान ने कहा कि नहर के अंदर वाले भाग की सफाई के लिए स्टीमेट विभाग को भेजा गया है। अतिक्रमण हटाने के लिए सीओ को सूची दी गयी है।

क्या कहते हैं स्थानीय किसान-

गंगापुर के किसान प्रहलाद यादव ने कहा कि वर्षों से इस नहर में पानी नही आया है। लेकिन स्थानीय स्तर पर मनरेगा योजना के तहत नहर सफाई कार्य हुआ है। नहर व्यवस्थित भी नहीं है। लोग जगह जगह अतिक्रमण कर लिया गया है। जलापूर्ति नहीं होने से किसान को काफी परेशानी से गुजरना पड़ता है।

गौरव कुमार ने कहा कि रवि फसल सिंचाई के लिए नहर से सुविधा नहीं मिल पा रहा है। फसल सिंचाई के लिए डीजल पंपिंग सेट के अलावे अन्य साधनो के सहारे सिंचाई की विवशता बनी हुई है। सिंचाई विभाग के उदासीन रवैए के कारण नहर में वर्षों से पानी नहीं आया है।

जेलो यादव ने कहा कि विभागीय अधिकारियों के लापरवाही के कारण नहर में पानी नहीं आने से सिंचाई के दौरान समस्या उत्पन्न होती है। किसानो की परेशानी के प्रति अधिकारी उदासीन है। किसानों को सिंचाई के लिए आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है।

ललन यादव ने कहा कि सिंचाई के लिए नहर में पानी उपलब्ध कराने के प्रति संबंधित विभाग को ध्यान देना चाहिए। नहर का निर्माण किसानो की फसल सिंचाई के उद्देश्य से बनाया गया। लेकिन नहर बनाने का किसानो को लाभ नहीं मिल रहा है। नहर सुखा रहने के कारण सिंचाई के लिए किसान परेशान हो रहे हैं।

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