प्रतिनियुक्त किये गये कार्यपालक सहायक
कार्यपालक सहायकों की हड़ताल पर जाने के बाद जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। सभी प्रखंडों और दोनों अनुमंडलों के आरटीपीएस केंद्रों पर समान रूप से कार्य जारी रखने के लिए अलग से कार्यपालक सहायकों...
कार्यपालक सहायकों की हड़ताल पर जाने के बाद जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था की है। सभी प्रखंडों और दोनों अनुमंडलों के आरटीपीएस केंद्रों पर समान रूप से कार्य जारी रखने के लिए अलग से कार्यपालक सहायकों की प्रतिनियुक्ति की गयी है।
बड़े प्रखंडों में तीन और छोटे प्रखंडों में दो के हिसाब से कुल 26 कार्यपालक सहायकों को प्रतिनियुक्त किया गया है। इसके अलावा 12 आईटी सहायक भी आवेदन प्राप्त कर रहे हैं। जिला स्थापना उपसमाहर्ता सह नोडल पदाधिकारी की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि हड़ताल का जिले में कोई असर नहीं हुआ है। सभी केंद्रों पर काम सामान्य रूप से चल रहा है। लोगों को कठिनाई न हो इसके लिए सभी एसडीएम और सीओ को निर्देश दिया गया कि वे इस बात का विशेष ध्यान रखें कि कोई आवेदक बिना सेवा के नहीं लौटे। जब तक काउंटर पर आवेदक मौजूद रहेंगे तब तक आरटीपीएस काउंटर कार्यरत रहेगा। उन्होंने बताया कि 28 मार्च को प्रखंडों और अनुमंडल के आरटीपीएस काउंटरों पर कुल 1656 आवेदन प्राप्त किये गये।
जानकारी हो कि बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ के आह्वान पर जिले के सभी विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायक बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गये हैं। पांच सूत्री मांगों के समर्थन में कार्यपालक सहायकों की हड़ताल से काम-काज पर असर पड़ने की भी बात कही जा रही है। हालांकि जिला प्रशासन ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत फिलहाल सभी आरटीपीएस काउंटर को चालू रखा है और अलग से कार्यपालक सहायकों की प्रतिनियुक्ति की है। हड़ताली कार्यपालक सहायकों का कहना है कि जबतक मांगे पूरी नहीं होंगी तबतक हड़ताल जारी रहेगी। उन्होंने सरकार पर दोरंगी नीति अपनाने का आरोप लगाया। कार्यपालक सहायकों ने हड़ताल को पूरी तरह सफल बताया है।
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