डॉक्टरों का बनाया जा रहा ड्यूटी चार्ट

सदर अस्पातल में आने वाले दो- चार दिनों में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों लंबी कतार में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज के 67 डॉक्टरों के डीएस कार्यालय में योगदान दिए जाने के बाद ड्यूटी चार्ट...

Newswrap हिन्दुस्तान, मधेपुराThu, 14 Nov 2019 06:43 PM
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सदर अस्पातल में आने वाले दो- चार दिनों में मरीजों को इलाज कराने के लिए घंटों लंबी कतार में खड़ा नहीं रहना पड़ेगा। मेडिकल कॉलेज के 67 डॉक्टरों के डीएस कार्यालय में योगदान दिए जाने के बाद ड्यूटी चार्ट बनाने का काम शुरू कर दिया गया है। ड्यूटी चार्ट बनने के बाद सभी डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद हो जाएंगे। मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों के सदर अस्पताल में ड्यूटी शुरू करने पर फिलहाल डॉक्टरों की कमी दूर हो जाएगी।

मालूम हो कि सदर अस्पताल में डॉक्टरों की भारी कमी है। हालत यह है कि सदर अस्पताल में स्वीकृत पदों के विपरीत महज एक चौथाई ही डॉक्टर तैनात हैं। सदर अस्पताल में नियमित डॉक्टरों के 58 पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान समय में सदर अस्पताल में मात्र 17 डॉक्टर उपलब्ध हैं। ऐसी स्थिति में सदर अस्पताल में इमरजेंसी व ओपीडी सेवा को सुचारु रूप से संचालित करने में भी बड़ी समस्या खड़ी हो रही है। हालत यह है कि ओपीडी में तैनात डॉक्टरों से ही ऐन मौके पर इमरजेंसी में सेवा ली जाती है।

इमरजेंसी में ओपीडी छोड़ कर डॉक्टरों के जाने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर से दिखाने के लिए मरीजों को हर दिन घंटों इंतजार करना पड़ता है। मरीजों की भीड़ और डॉक्टरों की कमी के कारण ओपीडी में हर दिन मरीजों की लंबी कतार लगी रहती है। जेनरल ओपीडी में एक- दो डॉक्टर मरीजों से घिरे रहते हैं। डॉक्टरों से दिखाने के लिए मरीजों को हर दिन दो- ढाई घंटे इंतजार करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ओपीडी के बाहर अव्यवस्था की स्थिति बनी रहती है। व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षा गार्डों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

दूसरी ओर जननायक कर्पूरी ठाकुर मेडिकल कॉलेज में एमसीआई से मान्यता नहीं मिलने के कारण अभी पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवा भी बहाल नहीं हो सकी है। जबकि मेडिकल कॉलेज में 69 डॉक्टरों की तैनाती हो चुकी है। मेडिकल कॉलेज फिलहाल ओपीडी सेवा बहाल होने की भी उम्मीद कम दिख रही है। ऐसी स्थिति में मेडिकल कॉलेज में नियुक्त डॉक्टरों का कोई उपयोग नहीं हो रहा है।

इसको ध्यान में रखते हुए नई पहल की गयी है। मेडिकल कॉलेज में ओपीडी सेवा बहाल होने तक वहां के डॉक्टर सदर अस्पताल की ओपीडी में अपनी सेवा देंगे। गुरुवार को भी सदर अस्पताल में इलाज कराने को मरीजों की भीड़ लगी रही। सीएस डॉ. सुभाष चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों से फिलहाल सदर अस्पताल की ओपीडी में सेवा ली जाएगी। मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी।

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