महाशिव रात्रि और सिंहेश्वर महोत्सव की अब तक शुरू नहीं हुई तैयारी
सिंहेश्वर में महाशिवरात्रि मेला और महोत्सव की तैयारी पर जिला प्रशासन की उदासीनता पर लोग सवाल उठा रहे हैं। सरकार ने 90 करोड़ की राशि दी, लेकिन बंदोबस्ती की तैयारी नहीं हुई है। थियेटर को अनुमति नहीं...
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सिंहेश्वर। निज संवाददाता महाशिवरात्रि मेला एवं सिंहेश्वर महोत्सव को लेकर जिला प्रशासन के उदासीन रवैया पर आमलोग सवाल उठा रहे है। एक तरफ राज्य सरकार उसे पर्यटन के मानचित्र पर लाने के लिए हाल में 90 करोड़ की धनराशि दी है। वहीं इस स्थल के लिए सबसे महत्वपूर्ण माने जाने वाला मेला को लेकर अब तक तैयारियां नगण्य है। हाल यह है कि मेला की बंदोबस्ती तक नहीं हो पाई है। जिससे बाहर से आने वाले खेल तमाशे एवं दुकानदारों में संशय की स्थिति है। उनके सामने परेशानी यह है कि मेला में जगह के लिए आखिर किससे बात करे। अब तक बंदोबस्ती की तय सभी तीन तिथि निकल चुकी है। जबकि बंदोबस्ती से राज्य सरकार को एक करोड़ 25 लाख के राजस्व की प्राप्ति होती है। जिला राजस्व शाखा द्वारा निर्धारित तीनों तिथि को एक भी बीडर के भाग नहीं लेने के कारण बंदोबस्ती नहीं हो पाई। बंदोबस्ती की तीसरी और आखिरी तिथि 11 फरवरी को था। लेकिन थिएटर नहीं आने एवं मेला में अतिक्रमण के कारण कोई भी बीडर भाग लेने नहीं आया। थिएटर के प्रदर्शन को अनुमति नहीं देने के जिला प्रशासन के निर्णय पर स्थानीय लोग भी लगातार सवाल उठा रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सोनपुर एवं राजगीर में थियेटर के प्रदर्शन की अनुमति है तो फिर सिंहेश्वर में क्यों नहीं अनुमति दी जा रही है।
थिएटर को नहीं मिली है अनुमति : मेला में थियेटर को अनुमति नहीं दी गई है। मेला की बंदोबस्ती के लिए निकाली गई सूचना में ही यह स्पष्ट कर दिया गया कि इस बार मेले में थिएटर के प्रदर्शन को अनुमति नहीं मिलेगी। इस वजह से भी बंदोबस्ती के लिए एक भी बीडर ने बंदोबस्ती में भाग नहीं लिया है। थिएटर के नहीं रहने से मेला के प्रदर्शन पर असर पड़ना स्वाभाविक माना जाता है। बीते वर्ष भी इस मामले को लेकर मामला गर्म रहा था। थिएटर का सारा समान गिर जाने के बाद जिला प्रशासन ने अचानक से उसे हटाने का आदेश जारी कर दिया था। इसे लेकर खूब विरोध प्रदर्शन भी हुआ था। आखिरकार थिएटर का नाम बदलकर प्रदर्शन की अनुमति देनी पड़ी थी।
महाशिव रात्रि से शुरू होता है मेला:
26 फरबरी को महाशिवरात्रि है। उसी दिन से मेला प्रारंभ होता है। मेला की तैयारी जहां एक माह पूर्व से प्रारंभ कर देनी चाहिए थी वहीं मात्र 13 दिन शेष रहने तक तैयारी कही नहीं दिख रही है। जिला प्रशासन द्वारा अब तक एक भी बैठक तक नहीं की गई है। हालांकि गुरुवार को बैठक होने की सूचना मिली है।
महोत्सव की तैयारी भी प्रारंभ नहीं : मेला के दौरान ही पर्यटन विभाग द्वारा तीन दिवसीय सिंहेश्वर महोत्सव का आयोजन किया जाता है। जिला प्रशासन ही इसकी सारी व्यवस्था करती है। लेकिन अब तक मेला एवं महोत्सव को लेकर एक भी बैठक नहीं हुई है। महोत्सव में स्थानीय एवं बाहरी कलाकारों को आमंत्रित किया जाता है। इसके लिए बैठक कर उप समिति बनाई जाती है। स्थानीय एवं बाहरी कलाकारों के लिए अलग अलग उप समिति बनती है। लेकिन अब तक महोत्सव को लेकर एक भी बैठक नहीं हुई है। न तो महोत्सव की तिथि ही निर्धारित हो पाई है।
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