बीएनएमयू: घोषित समय सीमा में छात्र संघ चुनाव होने की संभावना कम
बीएनएमयू में छात्र संघ और सीनेट चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। छह साल से चुनाव नहीं हुए हैं, जिससे छात्रों की आवाज दब गई है। चुनाव की अधिसूचना जारी हुई लेकिन प्रारूप मतदाता सूची नहीं प्रकाशित हुई।...
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मधेपुरा निज प्रतिनिध बीएनएमयू में छात्र संघ चुनाव और सीनेट सदस्यों का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है। बीएनएमयू में छह साल से छात्र संघ और करीब आठ साल से सीनेट का चुनाव नहीं हुआ है। दिनों चुनाव को लेकर छात्र और शिक्षक वर्षों से मांग करते आ रहे हैं। विश्वविद्यालय ने छात्र संघ चुनाव की घोषणा कर चुनाव संबंधित कार्यक्रम भी जारी कर दिया था। चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद छात्रों में उम्मीद जगी थी लेकिन एक बार फिर समय पर चुनाव संपन्न होने की संभावना नहीं दिख रही है। क्योंकि अब तक प्रारूप मतदाता सूची के भी प्रकाशन नहीं हो पाया है। जबकि विश्वविद्यालय ने 23 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची प्रकाशित करने की बात कही थी। बीएनएमयू में छह साल बाद छात्र संघ चुनाव नहीं होने से छात्रों की आवाज मुखर होकर नहीं उठ रही है। सीनेट की बजट बैठक में कुलपति ने कुलाधिपति के समक्ष सीनेट चुनाव भी जल्द करने का आश्वासन दिया था। जबकि छात्र संघ चुनाव की घोषणा बैठक से पूर्व कर इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। विश्वविद्यालय में छात्र संघ और सीनेट का चुनाव नहीं कराए जाने से लोगों में नाराजगी व्याप्त थी। कुलपति प्रो. बीएस झा ने बताया कि छात्र संघ चुनाव और सीनेट चुनाव कराने को लेकर तैयारी तेज कर दी गई है। विश्वविद्यालय द्वारा छात्र संघ चुनाव की घोषणा के साथ ही विभिन्न छात्र संगठन अपनी दमदार उपस्थिति देने के लिए तैयारी तेज कर दी थी। लेकिन विश्वविद्यालय की शिथिलता से छात्र संगठन भी सुस्त हो गए हैं।
छह साल बाद बजने वाली थी चुनावी बिगुल: बीएन मंडल विश्वविद्यालय द्वारा चुनाव की तिथि की घोषणा होने के साथ ही यह उम्मीद बनने लगी है कि छह साल बाद फिर विश्वविद्यालय में चुनावी माहौल तैयार होगी एवं विभिन्न संगठन अपने प्रतिनिधियों के साथ जोर आजमाइश करेंगे। जिससे छात्रों को लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को नजदीक से जानने का भी अवसर मिलेगा। लेकिन एक बार फिर छात्र अपने को ठगे महसूस करने लगे हैं। ज्ञात हो कि विश्वविद्यालय की स्थापना के बाद अब तक मात्र एक बार ही 2018 में छात्र संघ के चुनाव कराया गया था। इसके बाद कई बार चुनाव की तिथि घोषित की गई लेकिन बाद में उसे स्थगित कर दिया जाता रह है।
17 फरवरी से शुरू होगा था नामजदगी का पर्चा: छात्र संघ चुनाव के लिए विश्वविद्यालय द्वार नामांकन की तिथि 17 फरवरी से 25 फरवरी रखा गया था। वहीं 26 फरवरी को नामांकन की समीक्षा, 27 फरवरी को प्रत्याशी की सूची का प्रकाशन की बात कही गई थी। तीन मार्च को प्रत्याशी से संबंधित आपत्ति या शिकायत निवारण, चार मार्च को नाम वापसी, पांच मार्च को प्रत्याशियों के अंतिम सूची प्रकाशन प्रकाशित करने की बात कही थी। 12 मार्च को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक मतदान होना था। लेकिन अब तक कुछ भी प्रक्रिया नहीं हो पाई है।
छात्र संगठनों ने जताई नाराजगी: बीएनएमयू द्वारा जारी अधिसूचना के अनुरूप छात्र संघ चुनाव नहीं होने को लेकर छात्र नेताओं में नाराजगी व्याप्त है। छात्र नेता सारंग तनय, मनीष कुमार, निखिल सिंह यादव, अरमान अली सहित अन्य ने बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यशैली से छात्रों की नाराजगी बढ़ती जा रही है। छह साल से छात्र संघ चुनाव नहीं होने से छात्रों की आवाज कुंद हो रही है। उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
सात साल से नहीं हुआ है सीनेट का चुनाव: बीएनएमयू में सात साल से सीनेट का चुनाव नहीं हुआ है। 2017 में हुए चुनाव के बाद दूसरा चुनाव नहीं हुआ है। जबकि सीनेट का कार्यकाल तीन साल का होता है। इस दौरान अधिकांश शिक्षक जो सीनेट के लिए चुने गए थे वे या तो सेवा निवृत हो गए या उनका कार्य क्षेत्र पूर्णिया यूनिवर्सिटी हो गया। इस कारण यहां सदस्यों की संख्या काफी कम हो गई है। कुछ शिक्षकों का कैडर बदलने के बाद भी अभी तक सदस्य बने हुए हैं। इस साल विश्वविद्यालय सीनेट चुनाव कराने को लेकर तैयारी करने लगी है। सीनेट चुनाव की तिथि जल्द घोषित होने की संभावना जताई जा रही है।
कोट
बीएनएमयू में छात्र संघ चुनाव की घोषणा की गई थी लेकिन इंटर और मैट्रिक परीक्षा के कारण समय पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। जल्द ही नई तिथि घोषित की जाएगी
डॉ. अशोक कुमार सिंह, डीएसडब्ल्यू, बीएएमयू
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