सीतामढ़ी में पागल कुत्ते का आतंक; दौड़ा-दौड़ाकर पांच दर्जन लोगों को काटा, सफाईकर्मियों ने किया ढेर
सीतामढ़ी जिले के पुपरी इलाके में एक पागल कुत्ते ने एक ही दिन में पांच दर्जन से ज्यादा लोगों को काट लिया। जिसमें कई लोगों को चोटें आई हैं। पागल कुत्ते का खौफ इलाके में फैला हुआ है। घायलों का इलाज चिकित्सा पीएचसी में हुआ है। हालांकि सफाईकर्मियों ने पागल कुत्ते मार गिराया है।
सीतामढ़ी जिले के पुपरी इलाके में गुरुवार को एक पागल कुत्ता अचानक हमलावर हो गया। सड़क से आवाजाही कर पांच दर्जन से अधिक लोगों पर हमला कर काटकर जख्मी कर दिया है। पागल कुत्ते के खौफ से शहर में राहगीरों व स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल कायम है। पूरे दिन इलाके में हड़कंप मचा रहा। पागल कुत्ते के काटने से जख्मी सिंगियाही रोड के अवनीश कुमार की पत्नी अंशु प्रिया, पुपरी के एजाज अहमद की पत्नी अफसाना खातून, गौतम कुमार की पत्नी नविता, चन्दन शुक्ला की पुत्री खुशी कुमारी, भाउर गांव के सीताराम साह की पुत्री अमृता कुमारी, बहेड़ा के भिखारी पटेल, रतवारा के मुजमीद अंसारी, पुपरी के सुगेन्द्र मुखिया, छोटे राम, रवि कुमार शुक्ला, शनि ठाकुर, संजय मुखिया व अन्य जख्मी लोगों का इलाज पीएचसी पुपरी में किया गया है।
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. कफील अख्तर अंसारी ने बताया कि कुत्ते के काटने से जख्मी अब तक पांच दर्जन लोगों की चिकित्सा पीएचसी में किया जा चुका है। पागल कुत्ते के आतंक को लेकर नगर परिषद जनकपुररोड के ईओ केशव गोयल ने बताया कि सफाई कर्मियों के अथक प्रयास से एक पागल कुत्ते को मार गिराया गया है। स्थिति पर नजर रखी जा रही है। आवश्यकता होने पर वन विभाग के अधिकारियों की सहायता ली जाएगी। बिहार के कई जिलों में आवारा कुत्तों का आतंक रहा है। मुजफ्फरपुर में भी औसतन रोजाना 50 लोग कुत्तों का शिकार हो रहे हैं। कुत्तों के निशाने पर ज्यादातर बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग रहते हैं।
कुत्तों के खूंखार और पागल होने की वजह बढ़ती गर्मी को भी माना जाता है। जिसके चलते कुत्ते हिंसक हो रहे हैं। भूखे होने पर भी कुत्ते खूंखार हो सकते हैं। मांसाहार कचरा खाने का असर भी पड़ता है। पत्थर-डंडा मारने या तंग करने पर कुत्ते ज्यादा हिंसक हो जाते हैं। लोगों के लिए खतरा बने आवारा कुत्तों पर नियंत्रण की जिम्मेवारी नगर निगम की होती है।