जीतनराम ने बहू दीपा मांझी को टिकट दिया तो चिराग के बहनोई अरुण ने क्रीमी लेयर की याद दिलाई
- अनुसूचित जातियों के आरक्षण में सब-कोटा के समर्थक जीतनराम मांझी ने इमामगंज उपचुनाव में अपने मंत्री बेटे संतोष सुमन की बीवी दीपा मांझी को टिकट दिया तो चिराग पासवान के सांसद बहनोई अरुण भारती ने मांझी पर तंज कसते हुए क्रीमी लेयर पर उनके स्टैंड की याद दिलाई है।
केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने अपने इस्तीफे से खाली इमामगंज विधानसभा के उपचुनाव में बहू दीपा मांझी को टिकट देकर नई आलोचनाओं को जन्म दिया है। हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के संरक्षक जीतनराम मांझी ने अपने बेटे, पार्टी अध्यक्ष और बिहार की नीतीश कुमार सरकार में मंत्री संतोष सुमन की पत्नी दीपा को लड़ाया है। संतोष ने पापा मांझी के हाथों पत्नी दीपा को सिंबल देने का फोटो शेयर किया था। जमुई से लोक जनशक्ति पार्टी- रामविलास (लोजपा-आर) सांसद अरुण भारती ने इस फोटो पर जीतनराम मांझी को क्रीमी लेयर की याद दिलाते हुए कहा कि इनको उप-वर्गीकरण यहां लागू करना चाहिए था।
अनुसूचित जातियों के आरक्षण में सब कोटा बनाकर वंचित उप-जातियों तक उसका लाभ पहुंचाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी के सहयोगी दलों में मतभेद है। हरियाणा में नायब सिंह सैनी की नई सरकार ने आते ही सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लागू कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के समर्थक जीतनराम मांझी और फैसले के विरोधी केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बीच सार्वजनिक रूप से इस मसले पर काफी बहसबाजी हो चुकी है।
एक ही बेटे पर फिदा हैं जीतनराम मांझी; सास विधायक, अब संतोष की बीवी को भी टिकट
चिराग पासवान एससी आरक्षण में क्रीमी लेयर की बात लाने से भड़क उठते हैं और कहते हैं कि ये आरक्षण भेदभाव और छुआछूत दूर करने के लिए दिया गया था। जबकि जीतनराम मांझी कहते हैं कि आजादी के बाद से सिर्फ चार दलित जातियों ने मलाई काटी है। बिहार में दलितों का नेता बनने की एक लड़ाई चिराग और मांझी के बीच चल रही है तो दोनों पार्टियों के नेता एनडीए में रहते हुए भी एक-दूसरे के मजे लेने का मौका नहीं छोड़ते।
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जीतनराम मांझी ने जैसे ही इमामगंज से मंत्री बेटे की पत्नी को टिकट दिया और बेटे ने फोटो छापा तो चिराग के सांसद बहनोई अरुण भारती ने कहा कि उप-वर्गीकरण के समर्थक जीतनराम मांझी को उप-वर्गीकरण सबसे पहले यहां लागू करना चाहिए। अरुण भारती के कहने का आशय यही था कि मांझी अगर कहते हैं कि आरक्षण का लाभ सिर्फ कुछ जातियों को मिला तो उनको टिकट परिवार के बाहर देना चाहिए था। मांझी के परिवार में वो खुद केंद्रीय मंत्री हैं, बेटे संतोष राज्य में कैबिनेट मंत्री हैं, संतोष की सास ज्योति मांझी विधायक हैं और अब ज्योति मांझी की बेटी दीपा जीत गई तो विधानमंडल में इस समय परिवार से तीसरी नेता होंगी।
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नीतीश कुमार ने बिहार में 2007 में ही दलितों की 22 जातियों में 18 जातियों को महादलित का दर्जा दे दिया था। नीतीश सरकार इन 18 जातियों के उत्थान के लिए कई योजनाएं लाई। भूमिहीनों को मुफ्त जमीन दी गई। बाद में बाकी चार जातियां भी धीरे-धीरे महादलित में शामिल कर ली गईं। बिहार में आज की तारीख में एससी आरक्षण का लाभ लेने वाली सारी जातियां महादलितों में गिनी जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मांझी मांग कर रहे हैं कि बिहार में नीतीश 18 महादलित जातियों को 10 प्रतिशत आरक्षण दें और बाकी को 8 परसेंट में समेंट दें। मांझी अब संपन्न हो चुके दलितों पर 95 फीसदी सरकारी नौकरियां हड़पने का आरोप लगाते हैं।
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इमामगंज सीट से 2015 से जीतनराम मांझी लगातार दो बार जीते और इस बार गया से लोकसभा जाने के बाद इस्तीफा कर दिए थे। एनडीए ने यह सीट हम को दी है जिसने दीपा मांझी को लड़ाया है। राष्ट्रीय जनता दल ने यहां राजेश मांझी को टिकट दिया है जो 2004 में गया से सांसद का चुनाव जीते थे। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने यहां जितेंद्र पासवान को लड़ाया है जिनकी जाति के वोटर पर चिराग की पार्टी अपना वर्चस्व मानती है।