सेहत के साथ खिलवाड़
सेहत के साथ खिलवाड़

लखीसराय, हिन्दुस्तान प्रतिनिधि। शहर सहित जिले के विभिन्न क्षेत्र से बेहतर व गुणवत्तापूर्ण इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचने वाले मरीज के लिए चेतावनी भरी खबर है। सरकार के दावे व उनके द्वारा उपलब्ध कराए गए एमबीबीएस चिकित्सक से इलाज के लिए आने वाले मरीज जानकारी के अभाव में कंप्यूटर की टेक्निकल जानकारी रखने वाले भव्या ऑपरेटर से इलाज करवा रहे हैं। जो कहीं ना कहीं उनके स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ज्ञात हो ऑनलाइन इलाज की सुविधा के लिए सरकार ने सदर अस्पताल में डाटा एंट्री ऑपरेटर उपलब्ध कराए हैं। जिनका काम चिकित्सक के परामर्श पर मरीजों को ऑनलाइन इलाज से संबंधित जांच व दवा की इंट्री करना है। मगर डाटा ऑपरेटर चिकित्सक के अनुपस्थिति में ओवर कॉन्फिडेंस के कारण मरीजों की एमबीबीएस चिकित्सक की तर्ज पर जांच व इलाज कर रहे हैं। चिकित्सक के अनुपस्थिति में मरीजों गलत दवा दिए जाने का मामला कई बार अस्पताल प्रबंधन से सीएस तक के संज्ञान में भी आ चुका है। मगर इस गंभीर मामले पर चिकित्सक की मनमानी से आहत विभाग पूरी तरह से मौन साध रखा है। भव्या डाटा ऑपरेटर पुलिस विभाग में कार्यरत पदाधिकारी रैंक के कर्मी को भी बेहिचक एमबीबीएस चिकित्सक के तर्ज पर इलाज की सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। ओवर कॉन्फिडेंस के कारण इलाज के लिए आने वाले मरीज को बीपी एवं शुगर की जांच में सामान्य रिपोर्ट के बावजूद उन्हें दोनों ही बीमारी का दवा परामर्श कर चुके हैं, जो मामला सदर अस्पताल प्रबंधन के संज्ञान में भी आ चुका है। भव्या ऑपरेटर की मरीज के साथ जान की खिलवाड़ से संबंधित इस मामले को स्वयं डीएस डॉ राकेश कुमार ने पकड़ा और मरीज का दोनों दवा को रखकर पुनः अपने हिसाब से दवा परामर्श किया और डाटा ऑपरेटर को चेतावनी भी दिया। हालांकि उनके चेतावनी के बावजूद डाटा ऑपरेटर पर इसका कोई असर नहीं पड़ा और लगातार मरीज के जान से खिलवाड़ पर अड़े हुए हैं। कुछ ऐसा ही मामला शनिवार को जनरल ओपीडी काचा संख्या तीन में देखने को मिला। जहां चिकित्सक के अनुपस्थिति में एक महिला एवं पुरुष डाटा ऑपरेटर आम मरीज सहित पुलिस पदाधिकारी महिला का इलाज कर रहे थे। इसकी जानकारी प्रबंधक नंदकिशोर भारती को लगा तो दौड़ते हुए ओपीडी कक्ष आए और दोनों डाटा ऑपरेटर को डांट फटकार लगाते हुए चिकित्सक के अनुपस्थिति में मामला को मैनेज करते हुए डेंटल चिकित्सक डॉ आरके उपाध्याय से मरीज को इलाज की व्यवस्था सुनिश्चित कराया। ज्ञात हो इसके पूर्व सदर अस्पताल में चिकित्सक के मौजूदगी में सुरक्षाकर्मी मरीज का ड्रेसिंग सहित इंजेक्शन लगाने का काम करते थे। वह भी चिकित्सक से लगातार प्रशिक्षण के उपरांत ही इस तरह के कार्य में उनका सहयोग कर रहे थे। मगर भाव ऑपरेटर जिन्हें मेडिकल की क व ख की जानकारी नहीं है। वो भी पूरे कॉन्फिडेंस के साथ एमबीबीएस के तर्ज पर मरीज की जान के साथ खिलवाड़ कर उनका इलाज रहे हैं। सदर अस्पताल के पूर्व डीएस सह वरिष्ठ चिकित्सक डॉ अशोक कुमार ने बताया कि जिस मरीज को बीपी या शुगर नहीं है। अगर गलती से उन्होंने उनकी दवा खा ली तो निश्चित तौर पर वे संबंधित बीमारी का मरीज हो जाएंगे।
इधर भव्या के जिला कोऑर्डिनेटर चंदन कुमार ने बताया कि मौखिक रूप से डाटा ऑपरेटर के मरीज को परामर्श देने से संबंधित जानकारी हुई है। लिखित शिकायत मिलती है तो कार्रवाई के लिए वरीय पदाधिकारी से अनुशंसा करेंगे। हम लोगों का काम सिर्फ डाटा एंट्री का है। मेडिकल जानकारी के बिना किसी मरीज की जान के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं।
कोट 1
इस तरह की शिकायत लगातार मिल रही है। कोऑर्डिनेटर से इसकी मौखिक शिकायत भी की है। जरूरत पड़ने पर उनके खिलाफ लिखित शिकायत कर कार्रवाई की जाएगा। डॉ. राकेश कुमार , डीएस
कोट 2
मामला संज्ञान में नहीं था, मामले की जानकारी प्राप्त हुई है। सदर अस्पताल प्रबंधन से इसकी जांच कर आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी भी हालत में मरीज की जान के साथ खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। डॉ. बीपी सिन्हा ,सीएस
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