आधी उम्र पार कर चुके लोगों की कोरोना से सबसे अधिक मौत
कोरोना संक्रमण से जिले में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। मृतकों में आधी उम्र पार कर चुके लोगों की संख्या सबसे अधिक है। वहीं बुजुर्गों का...
लखीसराय। कार्यालय संवाददाता
कोरोना संक्रमण से जिले में बड़ी संख्या में लोगों की जान गई है। मृतकों में आधी उम्र पार कर चुके लोगों की संख्या सबसे अधिक है। वहीं बुजुर्गों का आंकड़ा भी मृतकों की सूची में बड़ा है। जिलेभर में अबतक 75 लोगों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हो चुकी है। हालांकि विभागीय आंकड़ों में मृतकों की संख्या 75 से भी आधी यानी अबतक 34 लोगों की ही मौत की पुष्टि की गई है। मृतकों के आंकड़े छिपाने के भी आरोप जिला स्वास्थ्य विभाग पर लगते रहे हैं।
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में लखीसराय जिला भी खासा प्रभावित हुआ। संक्रमित लोगों की संख्या में जहां तेजी से इजाफा हुआ, वहीं मरने वालों के आंकड़े भी रफ्तार पकड़ते गए। अप्रैल के पूरे महीने में जितने मरीजों क मौत हुई, उससे अधिक मई के शुरुआती 10 दिनों में ही हो गई। लगातार लोगों की जान कोरोना संक्रमण से जाने के कारण जिलेवासियों की चिंता बढ़ गई है। मृतकों की उम्र पर यदि नजर डालें तो आधी उम्र पार करने वाले यानी 45 से ऊपर के 80 फीसदी लोगों की जान गई है। वहीं 20 प्रतिशत वैसे लोग हैं, जो युवा वर्ग के हैं। युवाओं में भी 30 से अधिक उम्र के लोगों की ही मौत हुई है। वहीं 50 फीसदी सिर्फ वृद्धों की मौत कोरोना संक्रमण के कारण हुई, जिनकी उम्र 60 से अधिक थी।
शारीरिक क्षमता युवाओं को बचा रही
एकमात्र निजी क्लिनिक में चल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ गौतम कुमार की मानें तो शारीरिक क्षमता ही युवाओं को जान बचाने में मददगार साबित हो रही है। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों में ऑक्सीजन लेवल कम होने के कारण उनकी मुश्किलें और बढ़ती ही चली जाती है। वे अधिक समय तक लड़ने में सक्षम नहीं हो पाते हैं। नतीजतन बुजुर्ग या अधिक उम्र के लोगों की जान चली जा रही है। ठीक इसके उलट युवा वर्ग में शारीरिक क्षमता अधिक रहने के कारण ऑक्सीजन लेवल कम हेाने के बाद भी वे बीमारी से लड़ने की बहुत समय तक कोशिश करते हैं।
विभाग की नजरों में कम मौतें
स्वास्थ्य विभाग की नजरों में लखीसराय जिले में मात्र 34 लोगों की मौत अबतक हुई है। ये मौत सिर्फ इसी साल की नहीं है, बल्कि पिछले साल का भी आंकड़ा जुटा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो होम क्वारंटाइन या फिर रेफर होने के बाद कहीं और दम तोड़ने वाले मरीजों की मौत के बाद उनके आंकड़ों को नहीं जोड़ा जा रहा है। अस्पताल की चहारदीवारी में जान गंवाने वाले लोगों के ही आंकड़े कोरोना बुलेटिन के जरिए स्वास्थ्य विभाग प्रस्तुत कर रहे हैं।
राहत: 11 मई एक भी मौत नहीं
11 मई को जिले के लिए राहत की खबर है। जिले में एक भी कोरोना संक्रमित मरीज की मौत मंगलवार को नहीं हुई है। हालांकि 37 नये मरीजों की पहचान मंगलवार को हुई है। यहां बता दें कि पिछले चार दिनों के कोरोना से मौत के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी थी। चार दिनों में कुल 24 लोगों की कोरोना से जान गई। मंगलवार को एक भी मरीज के नहीं मिलने से राहत हुई। पिछले 10 दिनों के आंकड़ों पर गौर करें तो 41 लोगों की मौत हो चुकी है।
वेरीफाई के बाद जुड़ते हैं आंकड़े
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी रविशेखर ने कहा कि कुछ मरीजों की होम आइसोलेशन में डेथ हो जाती है। उसके बारे में वेरीफाई करने में देरी हो जाती है।बाद में वेरीफाई होने के बाद ही आंकड़े जुड़ते हैं। कुछ ऐसे भी मरीज हैं, जो बाहर जांच करवाते हैं, जिसका आंकड़ा उनके पास नहीं होता। इसी वजह से संबंधित मरीज की मौत के बाद भी वे लोग जिला के आंकड़ों में उसे शामिल नहीं कर पाते हैं।
पिछले पांच दिनों में मौत
तारीख 60+ 45+ 30+
10 मई 5 1 0
09 मई 2 2 2
08 मई 2 3 1
07 मई 1 3 1
06 मई 1 2 0
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